अयोध्या फैसले के चलते सभी कॉल की रिकॉर्डिंग होने का दावा झूठा है, लेकिन कोई भी अफवाह या आपत्तिजनक चीज़ शेयर की तो मुश्किल होगी

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Globaltoday.in
अयोध्या, वेब डेस्क

अयोध्या(Ayodhya) में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुक़दमे पर हिन्दुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया की नज़र है. सुप्रीम कोर्ट अयोध्या के राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट कभी भी सुना सकती है।

सोशल मीडिया पर इस विवाद से जुड़ा एक मैसेज बड़ी ही तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अयोध्या फैसले के मद्देनजर कम्यूनिकेशन के नए नियम लागू किये गए हैं और ऐसा भी कहा जा रहा है कि इनमें सभी कॉल की रिकॉर्डिंग भी की जाएगी।

क्या है वायरल हो रहा मैसेज

वायरल मैसेज में लिखा है- ‘अयोध्या फैसला कल से नये कम्युनिकेशन के नये नियम लागू होने वाले हैं :-

  1. सभी कॉल की रिकॉर्डिंग होगी.
  2. सभी कॉल रिकॉर्डिंग सेव होंगे
  3. Whatsapp, Facebook, Twitter और सभी Social media सभी monitored होंगे
  4. जो ये नहीं जानते उन सभी को सूचित कर दीजिये.
  5. आपकी Devices को मन्त्रालय systems से जोड़ दिया
  6. ध्यान दीजिये कोई भी गलत message किसी को भी मत भेजिये
  7. अपने बच्चों, भाइयों, रिश्तेदारों, दोस्तों,परिचितों आदि सभी को सूचित कर दें कि इन सबका ध्यान रखें और social sites को संयम से चलायें.
  8. कोई आपत्तिजनक post या video..आदि जो आप recieve करते हैं राजनीति या वर्तमान स्थिति पर सरकार या प्रधानमंत्री के खिलाफ, उसे Send नहीं करें.
  9. इस समय किसी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर कोई आपत्तिजनक मैसेज लिखना या भेजना अपराध है …..ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ़्तारी हो सकती है.
  10. पुलिस एक नोटिफ़िकेशन निकालेगी ….फ़िर Cyber अपराध… फ़िर action लिया जायेगा.
  11. यह बहुत ही गम्भीर है. आप सभी group members, admins ,…इस विषय पर गहराई से सोचिये
  12. कोई गलत Message मत भेजिये. सभी को सूचित करें तथा इस विषय पर ध्यान रखें.
  13. Please इसे share कीजिये…’

सच्चाई क्या है ?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ अयोध्या पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कंफर्म किया है कि वायरल मैसेज फेक है।.


अयोध्या पुलिस ने एक न्यूज रिपोर्ट की कटिंग शेयर कर वायरल मैसेज का खंडन किया गया है।

इस न्यूज रिपोर्ट का शीर्षक है – ‘सोशल मीडिया के माध्यम से अशांति फ़ैलाने की हो रही है नाकाम कोशिश’। इस रिपोर्ट में वायरल मैसेज को फेक बताया गया है और लिखा गया है कि इस मैसेज के जरिये सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिश चल रही।

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