Rampur: ई-रिक्शा चालक को डंपर ने रौंदा, दोनों पैर कटे, गुस्साए लोगों ने नायब तहसीलदार से की हाथापाई

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रामपुर: जनपद रामपुर की तहसील स्वार में मस्वासी के निकट सुल्तानपुर-पट्टी मार्ग पर मंगलवार की सुबह खनन से लदे एक तेज रफ्तार डंपर ने ई-रिक्शा चालक बृजकिशोर उर्फ बिरजू को रौंद डाला। डंपर इसके बाद बिजली के खंभे से जा टकराया।

इस दुर्घटना में ई-रिक्शा चालक के दोनों पैर कटकर अलग हो गए। उसे काशीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दुर्घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया।चेयरमैन दिनेश गोयल भी वहीं धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर नायब तहसीलदार जाम खुलवाने पहुंचे तो उनके साथ लोगों ने हाथापाई की। पुलिस ने बमुश्किल नायब तहसीलदार को भीड़ से बचाकर निकाला। हंगामे की सूचना पर कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे एसडीएम ने समझाकर जाम खुलवाया।

मंगलवार सुबह लगभग साढ़े सात बजे सुल्तानपुर-पट्टीकलां की ओर से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने नगर निवासी ई-रिक्शा चालक बृजकिशोर उर्फ बिरजू को रौंद दिया। इसके बाद जब डंपर बिजली के खंभे से टकराया तो तारों में स्पार्किंग शुरू हो गई। इसी दौरान चालक डंपर छोड़कर फरार हो गया। दुर्घटना में बृजकिशोर के दोनों पैर धड़ से अलग हो गए।

आनन फानन में परिजन गंभीर हालत में बिरजू को उत्तराखंड के काशीपुर के अस्पताल ले गए। घटना से गुस्साए लोगों ने मार्ग जाम लगा दिया और हंगामा शुरू कर दिया। घटना की जानकारी पर पहुंचे नगर पंचायत अध्यक्ष दिनेश गोयल भी हंगामे में शामिल हो गए। इसी दौरान लोगों को समझाकर जाम खुलवाने पहुंचे नायब तहसीलदार मानवेंद्र सिंह से लोगों ने धक्कामुक्की और हाथापाई शुरू कर दी।


पुलिस ने बमुश्किल नायब तहसीलदार को भीड़ से बचाकर बाहर निकाला। हंगामा बढ़ता देख आसपास के थानों की पुलिस सहित एसडीएम अवनीश कुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए। जिन्होंने बमुश्किल लोगों को शांत कर जाम खुलवाया। जाम के कारण लगभग एक घंटे तक आवागमन प्रभावित रहा।

नगर पंचायत अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

नगर पंचायत अध्यक्ष दिनेश गोयल नेतृत्व में नगरवासियों ने तेज रफ्तार वाहनों की रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई की मांग से संबंधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। एसडीएम अवनीश कुमार ने कहा कि तेज रफ्तार वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खनन से लदा तेज रफ्तार डंपर ई रिक्शा चालक को रौंदने के बाद बिजली के पोल से नहीं टकराता तो अनियंत्रित डंपर दंत चिकित्सक की पूरी बिल्डिंग को ध्वस्त कर देता। जिससे बिल्डिंग में मौजूद चिकित्सक व मरीजों सहित अन्य स्टाफ की जान को भी खतरा हो सकता था।

परिवार का इकलौता सहारा है बिरजू

डंपर की टक्कर से अपने दोनों पैर गंवाने वाला बिरजू अपने परिवार का इकलौता सहारा है। भरी गर्मी में ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। अब अपनी दोनों टांगे गंवाकर बिरजू के परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। बिरजू के घर में उसकी पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी हैं, जिसमें सबसे बड़ा बेटा मात्र 12 साल का है और वह स्कूल में पढ़ता है। अभी परिजनों की ओर से तहरीर भी नहीं दी गई है।

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