लोकसभा चुनाव 2019 -चुनाव आयोग द्वारा आज़म खान पर 48 घंटे के प्रतिबंध के बाद आजम खान खुद तो मीडिया से मुखातिब नहीं हुए लेकिन…
ग्लोबलटुडे/रामपुर[सऊद खान]: चुनाव आयोग द्वारा आज़म खान पर 48 घंटे के प्रतिबंध के बाद आजम खान खुद तो मीडिया से मुखातिब नहीं हुए लेकिन उनके वक्तव्य को सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने मीडिया के सामने रखा। उन्होंने चुनाव आयोग पर एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाया और प्रतिबंध को आज़म खान की आवाज़ दबाने की साज़िश बताया।
उन्होंने कहा लोकतंत्र में हमें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है। उन्होंने चुनाव आयोग की करते हुए कहा की जबसे चुनाव शुरू हुए हैं तब से हमारी एक भी शिकायत का संज्ञान चुनाव आयोग ने नहीं लिया है वहीँ आज़म खान पर एक बार फिर 48 घंटे के प्रतिबंध लगाने पर सवाल खड़ा किया।
उन्होंने कहा यह सिर्फ आवाज़ दबाने के लिए किया गया है ताकि आगे जो क्षेत्र रह गए हैं वहां न बोल सकें। जिस चीज़ की सज़ा एक बार दे दी है 72 घंटे प्रतिबंध की वो भी ग़लत।
जिलाध्यक्ष ने चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री और अमित शाह पर कार्यवाही न करने के आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देखिए जबसे चुनाव शुरू हुआ है, अबकी बार मंदिर का मुद्दा नहीं है तो वो पूरा सैनिको का मुद्दा लेकर चल रहे हैं जो कि आचार संहिता के अंतर्गत आता है। रोज़ शिकायतें हो रही हैं उनकी लेकिन आज उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
रामपुर के शोले
मीडिया से बात करते हुए सपा नगर अध्यक्ष आसिम रज़ा ने कहा ये लगता है बीजेपी तो है ही, आज़म खान साहब की ज़ुबान बंद करने, नुकसान पहुंचाने में मसरूफ़ अब चुनाव आयोग भी उसका ही एक हिस्सा बन चुका है।
आसिम रज़ा ने कहा कि चुनाव आयोग एक संबैधानिक संस्था है, संविधान के दायरे में रहकर ही काम करना चाहिए। हर शख्स को अपनी बात कहने की आजादी है लेकिन ऐसा लगता है इलेक्शन कमिशन आजम खान की ज़बान बंद करके वह आजादी छीन लेना चाहती है।
आज़म खान को कमज़ोरों (मुसलमानों) की आवाज़ बताते हुए उन्होंने कहा इलेक्शन कमीशन उसे बंद कर देना चाहती है। उन्होंने कहा इलेक्शन कमीशन ने लोकल इलेक्शन अथॉरिटी के खिलाफ बोलने पर और मजहबी जज्बात को भड़काने की बात कही है। उन्होंने कहा आजम खान ने संविधान के अनुसार ही आवाज उठाई है।
उन्होंने इलेक्शन कमिशन द्वारा आजम खान पर की गई कार्यवाही को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा सही बात कहने वाली हिंदुस्तान की ऐसी कम्युनिटी जिस की तादाद हिंदुस्तान की एक चौथाई आबादी के बराबर है उसकी जुबान बंद कर देने की साजिश है। अफसोस जताते हुए उन्होंने इलेक्शन कमिशन को इसमें शरीक बताया।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी बीजेपी नेताओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि उनके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं लोकल अथॉरिटीज का जिक्र करते हुए जिला अधिकारी पर आरोप लगते हुए कहा रामपुर जिले में सबसे ज्यादा वोट है, वहां सबसे कम परसेंटेज रही है वोटिंग की। क्या इलेक्शन कमिशन की आंखें बंद हैं। इलेक्शन कमिशन इस बात को देखने के लिए तैयार नहीं है कि रामपुर विधानसभा में वोट कम क्यों पड़े हैं।
सपा कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर बैन का विरोध किया
उधर रामपुर में सपा कार्यकर्ताओं ने आजम खान पर चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए 48 घंटे के प्रतिबंध के बाद अपना विरोध जताया और प्रदर्शन किया।
कार्यकर्ताओं ने सपा कार्यालय पर इकट्ठा होकर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का कहना है जिस दिन आजम खान पर से बेन हटेगा उस दिन ही वो काली पट्टी खोलेंगे।