हाथियों के आतंक का यह मामला पिछले 1 हफ्ते से चल रहा है, जिसके चलते रामपुर और आसपास के जिले का प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं और हाथियों से आम जनमानस को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग की कई टीमें दिन रात हाथियों के हर एक मूवमेंट पर नजर रख रही हैं।
रामपुर/सऊद खान: जिला रामपुर के जंगलों में पिछले एक हफ्ते से हाथियों का आतंक फैला हुआ है। पूरे इलाक़े में दहशत है। पिछले 1 हफ्ते में हाथी और मानव के बीच हुए संघर्ष में 4 लोग अपनी जान गवां चुके हैं और दो गंभीर रूप से घायल हैं। हालांकि वन विभाग के अधिकारी घटनाओं के बाद ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैं और संघर्ष जैसे हालातों को टालने के लिए हाथियों की रेकी कर रहे हैं और जनता को हाथों से दूर रहने की हिदायत भी दे रहे हैं।
रामपुर में हाथियों का आतंक, संघर्ष के दौरान एक की मौत, एक ज़ख्मी
अब प्रशासन हाथियों को उनके ही रास्ते वापस भेजने के इरादे से हाथियों की घेराबंदी कर उन्हें हकालने ने में लगा है लेकिन अपनी मस्ती में मस्ताने दोनों हाथी क्षेत्र से वापस न जाने की इरादे में हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि क्षेत्र से हाथियों का आतंक कब तक खत्म होगा।
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हाथियों के मूवमेंट पर एक्सपर्ट वन विभाग के अधिकारी ए के कश्यप ने ग्लोबलटुडे को बताया कि यह हाथी नेपाल बॉर्डर से पीलीभीत में जंगल के रास्ते एंटर हुए जिसके बाद जंगल जंगल मूवमेंट करते हुए हाथी उत्तराखंड पहुंचे और फिर जंगलात से गुजरते हुए बरेली पहुंच गए, जहां इनका संघर्ष किसी व्यक्ति से हुआ। इस बारे में बताते हुए वन अधिकारी ने कहा बरेली के बहेड़ी में किसी व्यक्ति द्वारा हाथियों को पत्थर मारा गया था, जिसके बाद हाथियों ने उस पर हमला कर दिया और उसमें उस व्यक्ति की मौत हो गई।
संघर्ष के बाद चिड़चिड़ाये हुए हाथी वापस उत्तराखंड बॉर्डर की तरफ बढ़े और वहां से मूव करते हुए रामपुर की सीमा में दाखिल हुए। जब वन विभाग को हाथियों के मूवमेंट की खबर मिली तो विभाग द्वारा मौके पर टीम को भेजा गया, लेकिन काफी अंधेरा होने के कारण वन विभाग की टीम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
1 जुलाई को वन विभाग हाथियों की एग्जैक्ट लोकेशन पता चली जिस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हाथी रामपुर के बिलासपुर क्षेत्र में थे। 2 तारीख को हाथियों को रेलवे क्रॉसिंग पर देखा गया जिसके बाद फॉरेस्ट टीम ने ड्रोन की सहायता लेकर हाथी को गाइड करने की कोशिश की लेकिन हाथी ने उसे भी नेस्तनाबूद कर दिया। इसके बाद फॉरेस्ट टीम ने पारंपरिक तरीके अपनाते हुए हाथियों को सीमा क्षेत्र से बाहर ले जाने की कवायद में अथक प्रयास किए लेकिन यह सब किसी काम ना सके और क्षेत्र में हाथियों की इस दस्तक से आतंक का माहौल बन गया।
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