कहते हैं जीवनसाथी के बिना जिंदगी अधूरी होती है और अकेलेपन का एहसास इंसान का जीवन बेहद मुश्किल बना देता है फिर चाहे उम्र कुछ भी हो लेकिन एक खुशहाल जीवन के लिए 1 साथी की जरूरत पड़ती ही है इस बात को साबित कर दिखाया उम्र के आखिरी पड़ाव पर जिंदगी गुजार रहे 90 साल के बुजुर्ग ने 75 वर्षीय महिला से ब्याह रचाया कर, बुजुर्ग दूल्हा मियां को अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ खुश खुर्रम देखकर क्षेत्र में चर्चाएं जोरों पर है इसको लेकर जहां उनके परिजन खुश हैं वहीं इलाके के कुंवारे युवा इस बुजुर्ग दूल्हा के नसीब पर रशक (ईर्ष्या) कर रहे हैं।
जनपद रामपुर के भोट थाना क्षेत्र ग्राम नरखेड़ी निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग पांच बेटियों के पिता है । उनकी पत्नी का कई साल पहले देहांत हो चुका है । वह गांव में ही परचून की दुकान चलाकर उम्र के आखिरी पड़ाव पर अपना वक्त काट रहे हैं । शादीशुदा पांचो बेटियों से अपने बुजुर्ग पिता की तनहाई ना देखी गई और सभी ने मिलकर यह फैसला किया कि पिता का घर फिर से क्यों ना बसाया जाए । फिर बुजुर्ग की जिंदगी में एक बार फिर खुशियों ने दस्तक दी और उनका निकाह सबकी सहमति से एक 75 साल की महिला के साथ करा दिया गया । निकाह के बाद जहां दोनों दंपत्ति फूलों नहीं समा रहे हैं तो वही पूरा परिवार भी खुश है।
वहीं 90 साल के दूल्हा शफी अहमद से हमने बात की तो उन्होंने कहा शादी इसलिए करी अपनी हिफ़ाज़त के लिए करी है जब घर में बीवी होती तो देख बाल भी रखती है और लौंडियों का हिसाब तो ये की वो अपने अपने घरों में है अब उन्हे क्या पता चल रहा की क्या हो रहा है हर्ज है मर्ज है तो हर बातो को देखने के लिए परेशानी की वजह से शादी करी है। बेटियां पांच है सब की शादी करदी है सब अपने अपने घर है बेटियां और नवासिये सब खुश है। बेटियां नवासिए आए हुए है सब खुश है। कोई ना खुश नही है। सरकार से ये चाहते है की थोड़ी बहुत सहायता हो जाये तो ओर ही बेहतर है। दुल्हन अच्छी है बढ़िया है नमाज गुज़र बहुत अच्छी सी है।
वहीं 75 साल की दुल्हन आयशा ने कहा,” शादी की वजह थी यह कि मेरा कोई था नहीं खाने-पीने की घूमने की परेशानी थी तो इसकी वजह से कर ली मैंने कहा रहते रहेंगे घर पर और फिर घर भी ऐसी है टूटा-फूटा। नवासी भी है बेटी भी है सब खुश है। और में भी खुश हु और सब भी खुश है। सही है जैसा भी है अपनी जिंदगी काटना है और क्या करना है घर वर सही मिल जाए कॉलोनी वालोनी तो और अच्छा हो जाएगा।
वीओ-4:वही गाँव के प्रधान गुड्डू हसन ने कहा चाचा ने बहुत अच्छा फैसला लिया है इनके बच्चों ने इनका निकाह कराया है हुर्मतनगर की रहने वाली है ये जिनसे निकाह कराया है बेसहारा थे बिचारे 5 लड़कियां हैं इनकी। बच्चियों की शादीयां हुई यह परेशान थे। बिचारे अकेले थे तन्हा तो साथी तो चाहिए था इन्हे तो इनके मतलब की मिल गई इन्होंने निकाह कर लिया गाँव मे चर्चा का विषय है बहुत अच्छा काम किया है इन्होंने गांव में बड़ी खुशियां है माहोल अच्छा है इनको देख कर एक जज्बा पैदा हुआ के इन्होंने अच्छा किया बहुत बढ़िया फैसला लिया। सब लोग खुश हैं पूरा गांव खुश है बाहर से भी लोग आ रहे हैं इन्हे देखने के लिए के इन्होंने निकाह किया है बहुत अच्छी बात है के इन्होंने निकाह किया आसपास के गाव के लोग काफी खुश है।
90 साल के दूल्हा की बेटी शकीला ने कहा,” यह बाप है हमारे और हम पांच बहने हैं भाई कोई नही है हमारा। सब बहने अपने अपने घरों की हैं। बाप को हमारे परेशानी हो रही थी हम अपने घरों से थोड़ी आएंगे टाइम है या नहीं है तो इस वजह से हमने अपने बाप का निकाह करा दिया। लगभग आज 4 दिन हो गए दुल्हन टांडे से ढूंढी और बस होने वाली बात बस अचानक से तलाश में तो बहुत दिनों से थे हम। हम भी परेशान हो रहे थे घरों से आना जाना कभी टाइम है कभी नहीं है हमारे बाप को परेशानी है तो मौका मिला तो हमने निकाह करा दिया। पांचों बहनों ने एक साथ फैसला लिया बाप को हमने एकदम बुला लिया बाप को हमारे पता नहीं था और हमें ये काम करना था तो बाप को हमने वही बुला लिया और बुलाकर वही निकाह करा दिया सब बहनों ने बाप मान गए हमारे मैंने कहा ये काम तो करना ही है परेशानी तो तुम्हे है हमे कोई है हम तो अपने घर रह रहे है और अपने अपने काम कर रहे है पांचों दामाद भी मान गए सब मान गए सब खुश है। शादी में जो सब कुछ होता है सभी हुआ दुल्हन के लिए सारी चीज लेकर आए ज़ेवर भी बनाया कपड़े भी बनाए सब कुछ करा। सब कुछ अच्छे से करा जब हमारे दिल में बात थी तो हमने खुशी पूरी करी अपने बाप की मैंने कहा कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए हमारे बाप को तो अपने यू करा की हमारे बाप सुकून से रहेंगे। जशन भी मनाया सब कुछ करा अच्छे से जो जो हमारे दिल में बात थी सब कुछ अच्छे से करा नवासे भी खुश नवासी भी खुश है।