कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब को लेकर आये फैसले पर मौलाना तौसीफ़ मिस्बाही ने लोगों से किसान आंदोलन की तरह ही इस फैसले खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की है।
Globaltoday.in | सम्भल | मुजम्मिल दानिश
हिजाब(Hijab) पर कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद सम्भल के मौलाना तौसीफ मिस्बाही ने कहा है कि कर्नाटक हाई कोर्ट का जो फैसला आया है हिजाब के ताल्लुक से वह फिक्र करने वाली बात है। ऐसा लगता है कि इसकी पैरवी सही नहीं हुई है।
मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कांफ्रेंस का हवाला देते हुए कहा कि चंद साल पहले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि हमें काम करने नहीं दिया जा रहा है और हमपे दबाव बनाया जा रहा है। हुकूमत अपने हित के फैसले हमसे करवाना चाहती है और उन जजों ने जनता से लोकतंत्र बचाने की अपील की थी।
किसानों की तरह इस फैसले के खिलाफ आवाज उठानी चाहिये
उन्होंने कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य पार्ट है। यह फैसला कुरान शरीफ के विपरीत आया है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिये। खानकाहे, उलेमा व राजनीतिक लोग से अपील करते हुए मौलाना ने कहा कि किसानों की तरह इस फैसले के खिलाफ आवाज उठानी चाहिये। अगर अब आवाज नहीं उठाई गई, तो यह कानून थोपते रहेंगे। इसके बाद यह सिखों और ईसाइयों के खिलाफ कानून बनाएंगे, फिर आरक्षण और उसके बाद मनुस्मृति लागू कर देंगे। अब आंदोलन की जरूरत है आप जितनी देर से आवाज उठाएंगे, उतनी ही कुर्बानी देनी पड़ेगी।
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