आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा एक बार फिर हाउस अरेस्ट

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मौलाना ने करीब एक बजे के बाद नमाज़ के बाद इस्लामियां ग्राउंड के पर जाने का मन मनाया तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए इस्लामियां ग्राउंड की तरफ धारा 144 का हवाला देते हुए जाने से रोक दिया।

उत्तर प्रदेश/बरेली(गुलरेज़ ख़ान): पुलिस ने सुबह से मौलाना के निवास के पास अपना पहरा बड़ा दिया था। वही सुबह से बिहारीपुर के चौकी से कुछ दूरी पर स्थित मस्जिद आलाहज़रत के पास आईएमसी के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहम्मद नदीम के घर के आसपास पुलिस ने पहरा बैठा दिया था साथ ही किसी भी हालात से निपटने के लिए आरएएफ को भी तैनात कर दिया गया था। मौलना ने करीब एक बजे के बाद नमाज के बाद इस्लामियां ग्राउंड के पर जाने का मन मनाया तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए इस्लामियां ग्राउंड की तरफ धारा 144 का हवाला देते हुए जाने से रोक दिया।

इस बात से मौलाना के समर्थक नाराज हो गए। बाद में मौलाना और उनके समर्थक मोहम्मद नदीम के घर से निकलने वाली गली में रास्ते पर धरने पर बैठ गए। लेकिन पुलिस के आगे किसी भी की नहीं चली।

मौलाना ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार को घेरा

इसके बाद मौलाना ने पीसी करके सरकार को घेरा, मौलाना ने अतीक और अशरफ की मौत के मामले में सीएम योगी पर 120 बी के तहत आरोपी बनाए जाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अतीक अशरफ के मामले में होने वाली किसी जांच एजेंसी में विश्वास नहीं है । वह जो चाहेंगे वही जांच में होगा। उन्होंने कहा कि जांच सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा होना चाहिए। किसी रिटायर्ड जज के द्वारा जांच नहीं होना चाहिए।

प्रयागराज पुलिस पर निशाना

मौलना प्रयागराज पुलिस पर निशाना साधते हुए यही भी कहा कि अशरफ और अतीक के तीन हत्यारों को पकड़ा नहीं गया गया बल्कि पुलिस ने शाबासी दी। पुलिस ने उन्हें गोद लिया है। पुलिस ने अतीक और अशरफ के हमलावरों पर क्यों एक गोली नहीं चलाई। मौलना ने कहा कि वह इंसाफ के लिए बैठे हैं। प्रयागराज की पुलिस ने यूपी की पुलिस को बदनाम करने का काम किया है।

उत्तर प्रदेश पुलिस की जिम्मेदारी है जो उनके माथे पर कलंक लगा है, उसे हटाना है। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस अंग्रेजों की पुलिस तो नहीं है देश के लोगों की पुलिस है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय मे तमाम एजेंसियों का गलत इस्तेमाल हो रहा है।

शाइस्ता के वांटेड बनाये जाने का विरोध

वहीँ शाइस्ता से जुड़े एक सवाल के जवाब में मौलाना ने कहा कि बहुत से आतंकवादी और मुजरिम होते हैं पर उनकी महिलाओं को कभी मुजरिम नहीं बनाया जाता है। उउन्होंने कहा कि इस्लाम में जिस महिला के शौहर का कत्ल हो जाता है वह कब्रिस्तान नहीं जाती, साथ ही वह चार महीने 10 दिन तक तक पर्दे में रहती है। वह शाइस्ता के वांटेड बनाये जाने का विरोध करते है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस उन्हें तलाश कर रही है और मिल जाये तो उन्हें बेप्रदा मत कीजिये बल्कि उसी घर में नजरबंद कर दीजिए।

मुजरिम की हत्या नहीं बल्कि अदालत की हत्या

मौलना ने प्रदेश में हुए इनकाउंटर पर बोलते हुए कहा कि दुबे सहित जितनी भी हत्या हुई है वह किसी मुजरिम की हत्या नहीं बल्कि अदालत की हत्या है।

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