- हालाईट्स
- पिछले पांच सालों से प्रमाण पत्रों का नहीं हुआ भुगतान
- तहसील सदर में एक पखवाडे़ से बहिश्कार जारी
- बाकी तहसीलों में भी उग्र हुये लेखपालों के तेवर, नोटिस जारी
- प्रमाण पत्रों के लिये दर-दर भटकने को मजबूर हुये लोग
- रामपुर(चांद खान): तहसील सदर में पिछले पांच और शेष तहसीलों में 3 सालों से प्रमाण पत्रों का भुगतान न होने पर लेखपालों के भौंहें तन गई हैं। एक साल से अधिकारियों की मिन्नतें खुशामदें कर करके थक चुके लेखपालों ने अब आय, निवासी व जाति प्रमाण पत्रों पर रिपोर्ट लगाने से पूरी तरह से अपना हाथ रोक लिया है।
- इस घटनाक्रम के चलते तहसील सदर में पिछले एक पखवाड़े से कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका है। इससे प्रमाण पत्रों के लिये आवेदन करने वाले लोगों की दिक्कतें बढ़ गयीं हैं। लोग दर दर भटकते फिर रहे हैं परन्तु समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
विभिन्न् सरकारी योजनाओं में काम आने वाले आय, जाति व निवास प्रमाण अब ऑनलाईन बनाए जाते हैं। पहले यह सब कार्य तहसील से होता था लेकिन अब जनसेवा केंद्रों के जरिये किया जाता है। जनसेवा केंद्रों के माध्यम से आवेदित प्रमाण पत्रों पर संबंधित हल्के के लेखपाल द्वारा रिपोर्ट लगाई जाती है जिसके लिये शासन द्वारा स्टेशनरी खर्च के लिये 5 रूपए का भुगतान लेखपालों को किये जाने का प्रावधान है। असल परेशानी इसी भुगतान को लेकर है।
उ0प्र0 लेखपाल संघ के जिला मंत्री सुमित कुमार सक्सेना का कहना है कि यह भुगतान तहसील सदर स्तर पर पिछले 5 सालों से लंबित है जबकि अन्य तहसीलों में 3 सालों से भुगतान नहीं किया गया है।
जिलाधिकारी दे चुके हैं भुगतान का आदेश
ज़िलामंत्री सुमित कुमार सक्सेना ने बताया कि संघ की ओर से भुगतान के लिये गत दो सालों से जिला मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर लगातार पत्राचार किया जा रहा है लेकिन संबंधित अधिकारी इसे सुनने व मानने को तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद कि जिलाधिकारी स्तर पर लेखपालों को भुगतान किये जाने का आदेश दिया जा चुका है लेकिन अधिकारियों ने इसका भी अनुपालन भी नहीं किया।
15 दिन से जारी नहीं हुआ कोई प्रमाण पत्र
भुगतान को लेकर संबंधित अधिकारियों की मनमानी से नाराज लेखपालों ने इस बार आस्तीनें चढ़ा ली हैं। परिणामस्वरूप तहसील सदर में पिछले तकरीबन 15 दिनों से लेखपालों द्वारा रिपोर्ट न लगाये जाने के कारण कोई भी प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका है और अब बाकी तहसीलों में भी अधिकारियों को अल्टीमेटम जारी होना षुरू हो गये हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार आज षनिवार को जनपद की बाकी सभी तहसीलों में भी लेखपाल संघ की ओर से एसडीएम को नोटिस जारी कर दिये गये हैं। नोटिस में कहा गया है कि 1 जनवरी 2025 तक भुगतान न होने की दशा में आय, जाति व निवास प्रमाण पत्रों पर आख्या लगाने के कार्य को पूरी तरह से बहिश्कृत कर दिया जाएगा।
प्रमाण पत्रों के लिये मारे मारे फिर लोग
लेखपालों के बहिश्कार का नतीजा यह सामने आया है कि लोग प्रमाण पत्रों के लिये मारे मारे फिर रहे हैं। आय, जाति व निवास संबंधी प्रमाण पत्र अधिकतर योजनाओं में काम आते हैं। वर्तमान में आमजन के लिये सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं संचालित हैं जिनका लाभ उठाने के लिये पात्रों को इन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता है लेकिन लेखपालों के बहिश्कार के चलते प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे हैं।