अहंकार अकड़ और प्रतिशोध आज़म खान के पतन का सबसे बड़ा कारण-मुख्तार अब्बास नकवी

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लोकसभा चुनाव के बाद बतौर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे, जहां भाजपा समर्थक और कार्यकर्ताओं ने उनका फूल मालाओं व रामपुर की टोपी पहना कर भव्य स्वागत किया। जिसके बाद मुख्तार अब्बास नकवी गांधी समाधि स्थित रंगोली मंडप पहुंचे जहां उन्होंनें कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत की।

ग्लोबलटुडे, 27 जुलाई
रामपुर से सऊद खान की रिपोर्ट


लोकसभा चुनाव के बाद बतौर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे, जहां भाजपा समर्थक और कार्यकर्ताओं ने उनका फूल मालाओं व रामपुर की टोपी पहना कर भव्य स्वागत किया। जिसके बाद मुख्तार अब्बास नकवी गांधी समाधि स्थित रंगोली मंडप पहुंचे जहां उन्होंनें कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत की। यहां कार्यकर्ताओं ने शाल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया और पगड़ी और तलवार देकर सम्मानित किया। इसके बाद नकवी ने जनसभा को संबोधित किया और अपने वक्तव्य में बिना नाम लिए रामपुर सांसद पर निशाना साधा। नकवी कहा अहंकार अकड़ और प्रतिशोध यह सार्वजनिक जीवन में किसी के भी पतन का सबसे बड़ा कारण होता है इससे बचना चाहिए।

 केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे-फोटो ग्लोबलटुडे
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे-फोटो ग्लोबलटुडे

रामपुर सांसद आजम खान द्वारा लोकसभा में महिला स्पीकर रामादेवी के लिए की गई टिप्पणी पर रामपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा पूरा मामला स्पीकर साहब के पास है और स्पीकर साहब को पूरे सदन ने अधिकृत किया है। स्पीकर साहब जो भी निर्णय करेंगे वह सभी को मान्य होगा।

वहीं रामपुर में आजम खान पर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने के बाद आजम खान के चौतरफा घिराव पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कानून अपना काम करेगा। वहीं उन्होंने आजम खान पर आगे कोई टिप्पणी ना करते हुए कहा मैं किसी के बारे में व्यक्तिगत रूप से कभी कुछ कहता नहीं ना पहले कभी कहा है ना आज कहेंगे। नकवी ने कहा अहंकार अकड़ और प्रतिशोध यह सार्वजनिक जीवन में किसी के भी पतन का सबसे बड़ा कारण होता है इससे बचना चाहिए।
आजम खान द्वारा मुख्तार अब्बास नकवी का नाम लिए बिना संबोधित शायरी “मुझे रह जनों से गिला नहीं मुझे रह बरो सवाल है” पर नकवी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा मैं उस वक्त सदन में नहीं था।