रामपुर/उत्तर प्रदेश[फ़राज़ कलीम]:यूपी के ज़िला रामपुर की पुलिस के सामने एक ऐसा पैचीदा मामला आया है जिसमें एक नाबालिग युवती पर दो समुदाय अपने अपने दावे कर रहे हैं। पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने को लेकर पसोपेश है कि आखिर लड़की मुस्लिम है कि हिन्दू? दोनों वर्ग की ओर से दावों के चलते पुलिस ने दोनों ही तरफ़ से मामला दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू कर दी है। फिलहाल युवती पुलिस कस्टडी में है ।
रामपुर की पुलिस के पास सर चकरा देने वाली गुत्थी आ गयी है जो पुलिस के लिये चुनौती भी है। दरअसल एक युवती पर दो समुदाय के लोग अपने वर्ग की होने का दावा कर रहे हैं। चकराई पुलिस युवती के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है कि आखिर वो कौन है और किस समुदाय का दावा सही है?
मामला जिला रामपुर के कोतवाली सिविल लाइंस क्षेत्र का है का है जहां शाहबाद तहसील की रहनेे वाली एक युवती कंपनी में नौकरी करनेे आती थी। 5 दिन पूर्व लड़की जब वापस नहीं पहुंची तो उसके परिजनों ने उसको तलाश किया। तलाश करते करते जब वह उसी स्थान पर पहुंचे जहां वह नौकरी कर रही थी। वहां मौजूद लोगों ने उसका फोटो पहचानते हुए बताया की यह लड़की यहां काम तो करती थी। लेकिन इसका नाम पता करने और फोटो दिखाने पर वहां मौजूद लोगों ने कहा कि यह फोटो तो आर्या अग्रवाल का है न कि किसी महक बी का। यह सुनकर युवती के परिजन परेशान हो गये।
अपनी नाबालिग़ बहन के ग़ायब कर दिए जाने का दावा करते हुए यह परिवार पिछले पांच दिन से पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। मायूस होकर परिवार पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा तो उन्हेंने मुक़दमा दर्ज करने के आदेश दिये। लेकिन बेलगाम पुलिस ने तब भी मुक़दमा दर्ज नहीं किया। पीड़ित परिवार की अगर मानें तो पुलिस ने उल्टे उन्हें ही धमकाते हुए कहा कि हिन्दु युवती को मुसलमान बनाते हो,साथ ही इस मामले में चुप रहने की बात कही।
फ़रियादी भाई ने परेशान होकर आखिरकार सोशल नेटवर्क का सहारा लिया। युवती के भाई ने अपना वीडियो फ़ेसबुक पर अपलोड किया जिसमें उसने लोगों से मदद की गुहार लगाई। वीडियो सोशल मीडिया में वाइरल हो गया।इस वीडियो में युवती के भाई ने युवती जिसका नाम महक बी है के नाबालिग होने के दस्तावेज स्वरूप हाई स्कूल की मार्क शीट और आधार कार्ड जिसमें उसकी जन्मतिथि 5 अप्रेल 2004 अंकित है भी लोगों को दिखाए। साथ ही दूसरे सम्प्रदाय पर अपनी बहन के धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए आरोप लगाया है कि युवती एमआई सेन्टर में काम करने वाले सचिन शर्मा और मनोज सक्सैना के सम्पर्क में थी। उन्होंने ही उसे ग़ायब कर रखा है।
मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचचने पर सिविल लाइंस पुलिस ने पीड़ित पक्ष की ओर से मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। इससे पहले की मामले का कुछ नतीजा निकल पाता। युवती की ओर से भी एक तहरीर दी गई जिसमें उसने इस मुस्लिम परिवार पर उसके मां बाप होने के दावे को झूठा बताया है। पुलिस ने युवती को अपने क़ब्जे में ले लिया है और इस गुत्थी को सुलझाने की जददेाजहद में लग गई है। फिलहाल पुलिस मामले को सुलझाने में खुद पसोपेश में लगती है और यह जानने में माथापच्ची कर रही है कि आखिर वो कौन है?