ग्लोबलटुडे/रामपुर[सऊद खान]: सपा के कद्दावर नेता आज़म खान एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में महा गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर आज़म खान का सामना रामपुर में बीजेपी प्रत्याशी जयाप्रदा से होना है। लोकसभा मैदान में यह तकरार बहुत दिलचस्प होगी। लेकिन आज़म खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले ही एक बार फिर आज़म खान पर प्रशासन ने उनके शस्त्र निलंबन का नोटिस भेजकर उनकी चिंताओं को बढ़ा दिया है। जिस पर आज़म खान ने प्रशासन पर अपनी ताक़त का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। लेकिन जिला जिलाधिकारी ने इसे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने की एक प्रक्रिया बताया है।
दरअसल शस्त्र निलंबन का आदेश जिला अधिकारी न्यायालय ने दिया है जिसके नोटिस में लिखा है कि पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके खिलाफ एक रिपोर्ट दी गयी है। रिपोर्ट में पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान शहर कोतवाली में उनके खिलाफ लोक संपत्ति अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद ही प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह कार्रवाई की है।
क्यों कीं रामपुर की मुस्लिम महिलाओं ने जयाप्रदा के लिए दुआएं?
वहीं आजम खान ने पलटवार वार करते हुए कहा है कि शस्त्र लाइसेंस निलंबित से कुछ नहीं होने वाला, लेकिन एक बात साफ हो गई है कि प्रशासन ज़्यादती करने में लगा है और उनके खिलाफ अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
इस संबंध में जिलाधिकारी आंजनेय कुमार ने बताया कि इस मामले में 12 शस्त्र शामिल हैं जिसमें चुनाव के दौरान शस्त्र के दुरुपयोग का मामला है जिसमें चार्जशीट भी है। कोर्ट में मामला चल रहा है।
इस मामले में पुलिस से रिपोर्ट आई थी, जिस पर उन्हें नोटिस निर्गत किया गया है। यह कोई कार्यवाही नहीं है, अभी उन्हें नोटिस निर्गत किया गया है जिसमें उन्हें शस्त्र निलंबन को लेकर सूचना दी गई है कि क्यों ना हम शस्त्र निरस्त कर दें। उसके बाद उनकी सुनवाई करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। तो इसे कार्रवाई के तौर पर नहीं, कार्यवाही की प्रक्रिया के तौर पर समझा जाना उचित रहेगा। वहीं नोटिस का जवाब 10 अप्रैल तक दिया जाना तय किया गया है जिसके बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
ये भी रोचक लगेगा-
- मुंबई में ब्रिज गिरने से दहशत में क्यों हैं मुरादाबाद के लोग?
- क्यों योगी की पुलिस ने आज़म खान का स्कूल खाली कराया
- ईमानदार रिक्शा वाला सोनू
- किसने लगाई मेरठ की बस्ती में आग?
- 28 ऐसे सांसद जिन्हें भाजपा जैसी पार्टी भी बर्दाश्त नहीं कर पाई
- अगर 1 लाख से ज़्यादा रूपये हैं, तो होशियार