अमरोहा और दिल्ली की अलग-अलग जगहों से 26 दिसंबर को मोहम्मद आज़म, मोहम्मद इरशाद, रईस और ज़ैद मलिक सहित 10 अन्य को एनआईए ने गिरफ़्तार किया था
नई दिल्ली/वेबडेस्क/राहेला अब्बास: पिछले साल दिसंबर में एक कथित आतंकी मॉड्यूल के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा गिरफ़्तार किए गए चार लोगों को मंगलवार (2 जुलाई) को पटियाला हाउस कोर्ट ने ज़मानत पर रिहा कर दिया।
उत्तर प्रदेश के शहर अमरोहा और दिल्ली की अलग-अलग जगहों से 26 दिसंबर को मोहम्मद आज़म, मोहम्मद इरशाद, रईस और ज़ैद मलिक सहित 10 अन्य को एनआईए ने गिरफ़्तार किया था।
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एनआईए ने दिल्ली और अमरोहा से आतंकी मॉड्यूल मामले में कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया था और 21 जून को इस मामले से जुड़े 10 संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। लेकिन 6 महीने बाद भी चार्जशीट दाखिल करने के लिए यूएपीए(UPA) कानून में दिए गए अधिकतम समय के अन्दर 4 के खिलाफ आरोप पत्र ही दायर नहीं हो सका। इस आधार पर अदालत से आरोपियों ने ज़मानत मांगी और अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें ज़मानत दे दी।
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एनआईए(NIA) ने चारों की ज़मानत याचिका का जवाब देते हुए अदालत को सूचित किया था कि चारों आरोपियों को पर्याप्त सबूत न होने की वहज से आरोपित नहीं किया गया और ज़मानत याचिका का विरोध नहीं किया।
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रिहाई होने के बाद अपने घर पर ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से बात करते हुए 35 साल के मोहम्मद आज़म ने कहा, “मेरा तो जीवन ही रुक गया था, अब यह 6 महीने पीछे चला गया है।” आज़म ने बताया कि उन्हें 6 महीने तक तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा गया था।
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