Globaltoday.in | सऊद खान | रामपुर
उत्तर प्रदेश की रियासत रामपुर(Rampur) के आखिरी नवाब रज़ा अली खान (Raza Ali Khan) की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया लगातार जारी है.
आपको बता दें कि रियासती दौर के आखिरी नवाब रजा अली खान (Raza Ali Khan) की संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ, शिया पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी वारिसों में किया जाएगा।
बंटवारे की प्रक्रिया में पहले नवाब साहब की चल अचल संपत्ति का वैल्यूएशन होना है, उसके बाद पार्टीशन स्कीम तैयार करके उनके 16 वारिसों में बंटना है।
रामपुर नवाब की चल अचल संपत्ति में बहुत सी एंटीक और बेशकीमती चीजें शामिल हैं जिसमें मशहूर कंपनियों के ब्रांडेड हथियार, जैसे पिस्टल, राइफल आदि भी हैं. इसके अलावा सोना, चांदी ज़डित तलवारें और चाकू भी पाए गए हैं।
स्ट्रांग रूम और उसका रहस्य
इन सभी संपत्तियों के अलावा नवाब के पैलेस में एक स्ट्रांग रूम भी शामिल है जिसमें बेशकीमती हीरे-जवाहरात, सोना, चांदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
फिलहाल इस स्ट्रांग रूम को खोलने के लिए कोर्ट से आदेश कराया गया है जिसके बाद से करीब 3 दिन तक इसे खोलने की कोशिश की गई, लेकिन अभी तक स्ट्रांग रूम नहीं खुल पाया है, प्रक्रिया निरंतर जारी है।
इस स्ट्रांग रूम के बारे में कहा जाता है कि यह लंदन की एक मशहूर कंपनी चब ने तैयार किया था और इसको आसानी से नहीं खोला जा सकता।
कंपनी का तो दावा है कि बम ब्लास्ट से भी इस लॉकर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। स्ट्रांग रूम की दीवार लोहे की बनी हुई है. अब यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या स्ट्रांग रूम खुलने के बाद नवाब खानदान का एक और बेशकीमती खजाना सामने आएगा।
नवाब की प्रॉपर्टी बड़े बेटे को मिलती है !
इस संबंध में एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना(Arun Prakash Saxena) ने बताया रामपुर कि आखिरी नवाब रजा अली खान(Raza Ali Khan) साहब की प्रॉपर्टी को लेकर उनके बेटों में विवाद शुरू हुआ था. 1972 में रामपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस फाइल किया गया था. तलत फातिमा हसन vs मोहम्मद अली खान के नाम से यह केस सिविल सूट रामपुर में फाइल हुआ.
फिर 1996 मे हाई कोर्ट बेंच ने हाई कोर्ट के सिंगल जज का आर्डर है कि इस केस को विड्रा किया जाए और ये हाई कोर्ट में चलेगा। ये केस हाई कोर्ट में चला और हाईकोर्ट ने यह सूट डिसमिस कर दिया यह कहते हुए के नवाब की प्रॉपर्टी बड़े बेटे को मिलती है. राजवंश का यह कानून है तो बड़े बेटे मुर्तजा अली के फेवर में यह जजमेंट हुआ था. उसके बाद स्पेशल अपील हुई हाई कोर्ट डिवीजन बेंच में. डिवीजन बेंच ने भी 2002 में यह जजमेंट दिया कि नवाब के बड़े बेटे ही नवाब बनते आए हैं और संपत्ति उन्ही की होगी।
इसके बाद स्पेशल रिट पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में फाइल हुए और उन्हें मर्ज करके क्लब करके उसका ट्रायल हुआ उसमें फाइनल अपील का जजमेंट आया 31 जुलाई 2019 को और उसमें सुप्रीम कोर्ट ने पूरा एलेबोरेट किया लॉ को और यह कहा 1950 के बाद कोई भी नवाब नहीं है और आखिरी नवाब लेट रजा अली खान साहब हैं और उनकी प्रॉपर्टी मुस्लिम पर्सनल लॉ शिया, पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी वारिसों को मिलेगी। वहां से जजमेंट हो गया है प्राइमरी डिक्री बन गई है उसको फाइनलाइज करना है. नवाब साहब की चल और अचल संपत्ति हैं जिनको लोकेट किया जाना है, उनका वैल्यूएशन होना है.
उसके बाद पार्टीशन की स्कीम तैयार करके फाइनल डिक्री करेंगे। इसमें नवाब साहब के वारिसों के 18 नाम हैं, 18 में से 16 लोगों ने डिस्ट्रिक्ट जज किया एप्लीकेशन मूव की है डिक्री बनाए जाने के लिये। इसमें पांच अचल संपत्तियां दर्शाई गई हैं. एक कोठी खास बाग जो लगभग 400 एकड़ में बना हुआ है, इसमें कोठी खास बाग पैलेस है. नवाब रजा अली खान साहब यहां रहा करते थे और 1930 के आसपास इसमें पैलेस बनाया गया था, इसमें बाग लगा हुआ है और इसके अलावा एक नवाब स्टेशन है जो सिविल लाइन पर स्टेशन के बराबर में बना हुआ है. इसके अलावा एक बेनजीर बाग है जो जौहर यूनिवर्सिटी के पास है, यह भी लगभग 200 एकड़ में बना हुआ है. यहां भी कोठी थी जो ज्यादा पुरानी होने के बाद ध्वस्त हो गई है और एक फिशरीज पाउंड है कुंडा इसके अलावा एक लक्खी बाग है शाहबाद में जिसमें एक लाख पेड़ हैं और लगभग उम्मीद है कि वह 500 एकड़ में बना हुआ है ।
इसके साथ-साथ मूवेबल प्रॉपर्टी भी काउंट की जा रही है, मूवेबल प्रॉपर्टी के लिए हमारे साथी कमिश्नर मिस्टर सौरव सक्सेना और मिस्टर मुजम्मिल हुसैन साहब उसको काउंट कर रहे हैं,उसको वैल्यूड कर रहे हैं और जो उसकी वैल्यू आएगी उस हिसाब से कोर्ट पार्टीशन फाइनल करेगी।
आगे बताते हुए एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया नवाब रजा अली खान के पास हर चीज एंटीक बेशकीमती और कुछ अनोखी हैं जैसे वहां आर्मरी खुली है तो आर्मरी में भी अच्छे हथियार मिले हैं जो खूबसूरत भी हैं और मशहूर कंपनियों के हैं जो स्कॉटलैंड, लंदन फ्रांस, जर्मन सभी जगह के बने हुए पाए जा रहे हैं और उसके लिए कमेटी बनाई गई है डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने और हमारे एडवोकेट कमिश्नर मिलकर उसको काउंट कर रहे हैं वैल्यूड कर रहे हैं अभी फाइनल नहीं हुआ है.
नवाब साहब के यहां पुराने जमाने में शिकार किए हुए शेर जैसी चीजें उसके शौक थे,पुरानी तलवारें, पुराने खंजर, फर्नीचर बहुत अच्छी लकड़ी का बना हुआ है. कोठी पैलेस के अंदर मूर्तियां या जो संगमरमर पत्थर लगा है. वह बहुत अच्छा है उनके यहां लाइट की जो चीजें हैं बहुत अच्छी हैं 1930 में उनकी उस बिल्डिंग में लिफ्ट लगी हुई हैं और पूरा पैलेस सेंट्रलाइज्ड एसी है. उनके पास जो कारें बरामद हुई हैं पुरानी हो गई हैं लेकिन वो रोल्स रॉय कैमरीज फेमस कार्स हैं विलीस जीप हैं उसके अलावा फर्नीचर सब अच्छा है बेशकीमती है।
कोठी खास बाग में स्ट्रांग रूम
वही एक स्ट्रांग रूम (लॉकर रूम ) है. क्योंकि उनकी सभी मूवेबल प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन करना है. इसलिए वहां कोठी खास बाग में एक स्ट्रांग रूम है जहां उनका निजी सामान कीमती होना संभव है. उसकी चाबियां पार्टीस के पास होना संभव नहीं है. इसलिए कोर्ट से आर्डर कराया गया है किसी भी तरह काटकर या किसी अन्य प्रयास से खोलने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन अभी नहीं खुल पाया है दो-तीन बार कोशिश की जा चुकी है. लंदन की एक मशहूर कंपनी है चब जिसे किंग जॉर्ज फोर्थ ने एक जहाज बनाने वाली कंपनी को कहा था कि वह लॉकर बनाएं। वह मशहूर कंपनी है पुरानी बड़े-बड़े बैंकर्स को उन्होंने लॉकर सप्लाई किए हैं तो हमने उसके बारे में जानकारी की यह सब बातें पता चलीं। बाकी यह देखने वाली बात होगी कि वह खुल पाएगा या नहीं।
एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना के अनुसार दो-तीन दिन स्ट्रांग रूम को खोलने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन लॉकर रूम आसानी से नहीं खुल पाया है, यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. लॉकर रूम खुलने के बाद ही आगे की जानकारी दी जा सकती है. लॉकर को काटने की भी कोशिश की जा रही है लेकिन अभी कामयाबी नहीं मिली है.
क्यों नहीं खुल पा रहा स्ट्रांग रूम ?
यह लॉकर चारों तरफ से लोहे की दीवारों से बना हुआ है और बिना चाबी के खोले जाना यह कंपनी का चैलेंज भी है, बिना चाबी के उसे खोलें जाना आसान नहीं है. वह इतना स्ट्रांग है कि बम ब्लास्ट का भी उस पर असर नहीं होगा ऐसी बात उस कंपनी चब द्वारा कही जाती है।
नवाब की संपत्ति के बारे में आगे बताते हुए एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया अभी हमें टोटल जमीन लोकेट करना है जैसे कोठी खास बाग है, कोठी खास बाग का रेवेन्यू लैंड कितना है, कितनी गाटा संख्याए हैं, कितना क्षेत्रफल है, कितना रकबा है, फिर सर्किल रेट से उसका क्या वैल्यूएशन है और सारी प्रॉपर्टी जो अलग-अलग 5 हैं उनका वैल्यूएशन आ जाएगा। फिर उसमें दोनों प्रॉपर्टीज़ की सहमति से या कोर्ट के आदेश से पार्टीशन की स्कीम तैयार की जाएगी जो शेयर्स सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में दिए गए हैं उन शेयर्स में उस परसेंटेज में उन्हें डिवाइड किया जाएगा। बड़ा मामला है… प्रॉपर्टी बहुत ज्यादा है. लगभग 1000 एकड़ जमीन होना संभावित है और मूवेबल प्रॉपर्टी में भी एंटीक चीजें शामिल हैं. कुछ कबाड़ हो गई हैं कुछ बेहद बेशकीमती हैं तो अभी इसमें समय तो लग सकता है संभावित है कुछ महीनों का समय लगेगा।