कोसी नदी जाकर आज़म खान ने मोदी सरकार पर साधा निशाना,कहा देशद्रोही

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रामपुर/उत्तर प्रदेश[फ़राज़ कलीम]: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान अपने समर्थकों के साथ कोसी नदी के टूटे हुए पुल पर पहुंच गए और वहां जाकर मीडिया से रूबरू हुए और भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए देशद्रोही करार दे डाला।

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आज़म खान, अब्दुलाह आज़म, नसीर खान- फ़ोटो ग्लोबलटुडे

उन्होंने कहा जो सरकारें पिछली सरकारों की योजनाओं को रोककर उनके फण्ड को ट्रांसफर कर के विकास कार्यों को रोकती हैं वह जनता से दगाबाजी करती हैं वह ऐसा है जैसे कि देश द्रोह। आज़म खान पीएम मोदी पर भी हिंदू धार्मिक स्थलों पर जूता पहन कर जाने का आरोप लगाते हुए उनको अपने निशाने पर लेने से भी नहीं चूके।
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आज़म खान टूटे हुए पुल का मुआयना करते हुए

रामपुर से टांडा तहसील को जोड़ने वाला कोसी नदी का पुल टूट चुका है उसकी जगह नया पुल बनाया जा रहा था लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ साथ पुल का काम भी रुक गया और वहां बनाया हुआ अस्थाई पुल भी नदी में पानी बढ़ने के साथ तेज बहाव के कारण बह  गया। जिसके चलते टांडा तहसील जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया और तहसील के लाखों लोग जिला मुख्यालय आने के लिए लगभग  30 से 40 किलोमीटर चक्कर लगाकर आने को मजबूर हैं एक काम को रोकने के विरोध में समाजवादी पार्टी नेता मोहम्मद आजम खान उनके विधायक पुत्र अब्दुल्लाह आजम खान और चमरौवा क्षेत्र के विधायक नसीर अहमद खान अपने समर्थकों के साथ टूटे हुए अस्थाई पुल पर पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया।  इतना ही नहीं आजम खान इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि कभी जो लोग टोपी पहनने को मना करते थे आज वह जूते उतार कर इबादत गाह में जाते हैं आयतें पढ़ते हैं गुनगुनाते हैं और वह तो सियासत के लालच में ना जाने क्या क्या करते है यह तुष्टिकरण नही तो और क्या है। वही आजम खान ने इस मौके पर शासन और प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर पुल निर्माण के लिए कार्य शुरू नहीं हुआ तो वह अपने समर्थकों के साथ एक मानव श्रृंखला बनाकर कोसी  नदी में खड़े हो जाएंगे चाहे वह नदी की धारा में बह क्यू ना जाने।
सपा नेता आज़म खान ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा किसबका साथ , सबका विकास,ये नारा देने वालों एक समय वह था जब एक बड़ी दाढ़ी वाले ने छोटी दाढ़ी वाले को टोपी पहनाई थी और उस वक़्त हाथ मार कर फेक दिया था। गंगा में जाते हो तो जूता पहन कर जाते हो , पूजा और अर्चना के लिए जाते हो तो जूता पहनकर जाते हो। लेकिन वोटो के लालच में जब तुम किसी इबादतगाह में गए तो जूते उतारकर गए। अपनी इबादतगाह में जूते पहनकर और दूसरे की इबादतगाह में जूते उतारकर उनकी मदसराही करते हो , टोपी पहनते हो , कलमा पढ़ते हो,आयते दोहराते हो। यह तुष्टिकरण नहीं है तो क्या है, ऐसा ही तुष्टिकरण यहाँ पर भी कर दो।

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