Globaltoday.in|उबैद इक़बाल| नई दिल्ली
शनिवार को दिल्ली में जमात-ए-इस्लामी हिंद(JIH) ने एक प्रेसवार्ता की, जिसमें जमात ने एंटी सीएऐ(CAA) प्रोटेस्ट को लेकर यूपी में हो रही पुलिस बर्बरता को को देखते हुए योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा- यूपी में अवाम की आवाज़ को कुचला गया, पुलिस बर्बरता को लेकर योगी सरकार को फौरन बर्ख़ास्तगी की मांग की।
प्रेस वार्ता में जमाअत प्रमुख सआदतउल्लाह हुसैनी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सत्ता के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि, राज्य मशीनरी का गलत इस्तेमाल कर एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया गया है। नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा की गई बर्बरता निंदनीय है और इसकी न्यायिक जाँच होनी चाहिए। उन्हने यूपी सरकार को बर्खास्त कर, न्यायिक जांच की भी मांग की।
भाजपा के हित में है योगी सरकार की बर्ख़ास्तगी
जमाअत के अध्यक्ष ने कहा, “हम यूपी के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ की बर्खास्तगी की अपनी मांग को दोहराते हैं, जो अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी के मुख्यमंत्री का “बदला” लेने वाले बयान की भी निंदा की।
जमाअत ने हिंसा और बर्बरता के लिए यूपी पुलिस के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों के हिंसा में लिप्त पाए जाने की भी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने योगी को बर्खास्त करने की भी मांग करते हुए कहा कि , “संविधान और नैतिकता के राज को बनाए रखने के लिए यूपी सरकार को बर्खास्त किया ना चाहिए जो कि भाजपा के भी हित में है।
संपत्ति के नुकसान के मुआवज़े का नोटिस भेजने पर उत्तर प्रदेश प्रशासन की निंदा करते हुए, जमात ने कहा कि यह कदम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों के खिलाफ है। जमाअत ने मांग की, कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ यूपी सरकार द्वारा बर्बर व्यवहार खत्म होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) पर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर गंभीर नहीं है। हुसैनी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार इसका कोई मुनासिब हल निकाले। उन्होंने कहा कि जमात की तरफ से 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को खत भी लिखा गया है, कि जो कानून लाया गया है वह गलत है। हुसैनी ने कहा कि जमात ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से गुजारिश की है कि वो अपने राज्य में इस कानून को लागू न करें।
गुरुद्वारा ननकाना साहिब में हुई हिंसा की कड़ी निंदा
शनिवार को पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहिब में भीड़ द्वारा हिंसा और पथराव की घटना पर भी जमात ने कड़ी निंदा व्यक्त की है। जमात ने पाकिस्तान सरकार और प्रधानमंत्री इमरान खान से पाकिस्तान में अल्पसंख्यक, उनकी संपत्ति और धार्मिक स्थान की तत्काल सुरक्षा के लिए उचित क़दम उठाने की भी मांग की।
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