नई दिल्ली- हिन्दुतान के मशहूर लेखक और पत्रकार कुलदीप नैयर का बुधवार के रोज़ दिल्ली में निधन हो गया। वह 95 साल के थे।
कुलदीप नैयर का जन्म सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में 1923 में हुआ था. वह पहले ऐसे पत्रकार थे, जिन्हें इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक का इज़हार किया. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है, “कुलदीप नैय्यर का इमरजेंसी के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़, उनके काम और बेहतर भारत के लिए उनकी प्रतिबद्धताएं हमेशा याद की जाएंगी.”
कुलदीप नैय्यर काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे. बुधवार की रात करीब साढ़े बारह बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली.
कुलदीप नैय्यर ने पत्रकारिता की शुरुआत उर्दू प्रेस रिपोर्टर के तौर पर की थी. वो ‘द स्टेट्समैन’ के संपादक भी रहे थे.
नैय्यर को 1990 में ब्रिटेन में भारत का उच्चायुक्त भी नियुक्त किया गया था. सात साल बाद वो राज्यसभा भेजे गए. कुलदीप नैय्यर ने कई किताबें भी लिखी जिनमें ‘बिटवीन द लाइंस’, ‘इंडिया आफ्टर नेहरू’, ‘इंडिया पाकिस्तान रिलेशनशिप’ जैसी उनकी लोकप्रिय किताबों में से हैं.
कुलदीप नैय्यर एक बेखौफ़ आवाज़ थे. वो हर वक़्त की सरकारों की आलोचना करने से नहीं चूकते थे. उन्होंने नरेंद्र मोदी की सरकार पर टिप्पणी करते हुए बीबीसी के लिए लिखा था कि भाजपा की वर्तमान सरकार में किसी भी कैबिनेट मंत्री की कोई अहमियत नहीं रह गई है.
उन्होंने वर्तमान में मीडिया की आज़ादी पर लिखा था, “आज लोग यह तेज़ी से महसूस कर रहे हैं कि अगर दशकों पहले इंदिरा गांधी का एकछत्र राज था तो आज की तारीख़ में यही राज नरेंद्र मोदी का है. ज़्यादातर अख़बारों और टेलीविज़न चैनलों ने उनके काम करने को तरीके को मान लिया है जैसा कि इंदिरा गांधी के वक़्त में कर लिया था.”