रामपुर/उत्तर प्रदेश[फ़राज़ कलीम]: 24 व 25 नवम्बर को अयोध्या में हो रहे जमावड़े के सवाल पर आजम खां ने अपने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बस मुसलमानों के खून से न बनायें राम मंदिर बाक़ी तो जैसा चाहें करें। उन्होंने कहा कि हम तो सुप्रीम कोर्ट और क़ानून को मानेंगे। 6 दिसम्बर को भी हमने कहीं विरोध, विवाद नहीं किया था और करते भी कैसे? कह तो दिया 47 में पाकिस्तान क्यों नहीं चले गये। पता नहीं ये सही हुआ या गलती की।
राम मंदिर पर पैरोकार राम मंदिर चाहें बनाये लेकिन शांति कायम रखें योगी सरकार चाहें कानून लेकर आये पर आजम खां ने कहा कि पहले वाली बात आपने बाद में कही। पहले उन्होने यही कहा कि अगर कोई वह कानून बनाते हैं तो इस कानून को हम मानेंगे। लेकिन कोई भी कानून जब तक मामला अदालत में, सुप्रीम कोर्ट में है, बन नहीं सकता। अब क्योंकि यह मंदिर का मामला नहीं है, न रामचंद्र जी का मामला है, यह मामला चुनाव का है। अगर मंदिर का मामला होता तो बहुत पहले बन गया होता। इस तरफ या उस तरफ। मामला चुनाव का है और यह चुनाव तय करेगा कि राम जी क्या चाहते हैं? राम जी शायद यह चाहते हैं कि इंसानियत का राज होना चाहिए, रामराज होना चाहिए। हत्यारों का राज नहीं होना चाहिए।