रोडवेज़ कर्मचारियों की पीड़ा से यूपी सरकार बेख़बर

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रोडवेज़ कर्मचारियों की पीड़ा से सरकार बेख़बर
रोडवेज़ कर्मचारियों की पीड़ा से सरकार बेख़बर

रोडवेज़ कर्मचारियों का कहना है कि शासन का आदेश है एक बस में 22 से 28 यात्री बैठ सकते हैं लेकिन उसकी भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर

रामपुर रोडवेज़(Rampur Roadways) नगर निगम के कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने बयान करते हुए कि कोरोना वायरस(Coronavirus) जैसी महामारी से लड़ने में वे भी एक कोरोना योद्धा(Corona Warriors) का काम कर रहे हैं लेकिन उनके स्वास्थ्य की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है।

रोडवेज़ कर्मचारी(Roadways Employee) श्रमिक प्रवासियों को एक जनपद से दूसरे जनपद में अपनी जान पर खेलकर छोड़ कर आ रहे हैं लेकिन कर्मचारियों को शिकायत है की उनके स्वास्थ्य की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है

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इन कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना महामारी(Covid-19) से लड़ने के लिये करोड़ों रुपए का बजट पास कर रही हैं।

शासनादेश के मुताबिक एक बस में 22 से 28 लोग ही सफर कर सकते हैं उसके बावजूद एक बस में 60 लोग भरकर उनको उनके गृह जनपद छोड़कर आया जा रहा है। सोशल डिस्टनसिंग की भी खुली धज्जियस उड़ाई जा रही हैं.

गौरतलब ही कि कल एक रोडवेज़ चालक की जनपद बस्ती में मौत हो गई थी।

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रोडवेज़ कर्मचारी संघ के शाखा मंत्री जितेंद्र कुमार ने ग्लोबलटुडे को बताया,” रोडवेज़ पर काफी भीड़ है और यहां के कर्मचारी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यहां पर कई जनपदों के लोगों का जमावड़ा है…यहां पर उनका मेडिकल भी यही हो रहा है। तो इस परिस्थिति में हम लोग किस तरह से अपने आप को सुरक्षित महसूस करें एक 6 बाय 10 के कमरे में कई कई लोगों को टेबल डालकर काम करना पड़ रहा है। लोगों की भीड़ लगी हुई है जो सुविधाएं हमारे एमडी साहब और क्षेत्रीय प्रबंधक  द्वारा दी जा रही हैं उसके थोड़ा सा  भी सुविधाओं का हमें लाभ मिल जाए तो हम अपने आप को सुरक्षित महसूस कर पाएंगे। यहाँ कर्मचारियों को दास्ताने, मास्क और सैनिटाइजर भी नहीं मिल रहा है हमारे एक साथी चालक महेंद्र की मौत हो चुकी है… अब उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी उसकी मौत कैसे हुई।

वही एक बस के चालक भगवतसरन ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा,” बस चालक को एक मास्क और एक 100 ग्राम की सैनिटाइज की बोतल देकर मैदान में छोड़ दिया कोरोना योद्धा बनाकर। उन्होंने कहा चालक के पास न तो गिलफज़ हैं और ना ही और कोई सुविधाएं और जो शासन का आदेश है एक बस में 22 से 28 यात्री बैठ सकते हैं उसकी भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा उनकी बस में इस वक्त 60 यात्री मौजूद हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का भी खुला उल्लंघन है।