Aditya-L1 Mission Launch: चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब देश के साथ-साथ पूरे विश्व की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं। आदित्य L1 की लॉन्चिंग का काउंटडाउन शुरू हो गया है। आज सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा से इसको लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन का नाम आदित्य एल-1(Aditya-L1) इसलिए है क्योंकि आदित्य का मतलब सूरज होता है और एल-1 का मतलब लाग्रेंज पॉइंट 1 है।
आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा।
आदित्य एल-1 का खर्च
इस मिशन में चंद्रयान से भी काफी कम खर्च आया है। आदित्य मिशन में 400 करोड़ रुपये खर्च हुए है। इससे पहले इसी मिशन के लिए NASA ने 12,300 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 23 अगस्त को चांद पर जो चंद्रयान भेजा गया था उसमें सिर्फ 615 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जो ऐसे मिशन के लिए बहुत ही कम हैं।
पूरा स्वदेशी मिशन
बताया जा रहा है कि
भारत का आदित्य L1 पूरी तरह से स्वदेशी है। इस मिशन को बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने तैयार किया है। इसरो(ISRO) के मुताबिक, आदित्य L-1 अपने साथ फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड लेकर जाएगा। इनमें से 4 पेलोड सूरज पर नज़र रखेंगे, बाकी 3 एल-1 पॉइंट के आसपास का अध्ययन करेंगे।
लांच का मक़सद
आदित्य L1 को भेजने का मक़सद वहां सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन करना है। यह क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करेगा और फ्लेयर्स पर बह रिसर्च करेगा। इसके अलावा सौर कोरोना की भौतिकी और इसका तापमान को मापना, कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान करना, इसमें तापमान, वेग और घनत्व की जानकारी निकालने का काम भी करेगा। आदित्य L1 सूर्य के आसपास हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता को भी जांचने का काम करेगा।
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