रामपुर एडीएम प्रशासन के 12.5 एकड़ छोड़कर जौहर युनिवेर्सिटी की शेष भूमि को सरकार में दर्ज करने के आदेश के विरुद्ध जौहर युनिवेर्सिटी द्वारा हाई कोर्ट में दायर रिट जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने की खारिज कर दी है।
रामपुर: डेढ़ साल से अधिक समय से सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) को हाईकोर्ट के फैसले से जोरदार झटका लगा है। जौहर यूनिवर्सिटी( Jauhar University) आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसको बनाने के लिए आजम खान ने लगभग 400 एकड़ से ज्यादा जमीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के नाम खरीदी थी।
क्या है पूरा मामला ?
उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 के नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति, परिवार या संस्था 12.5 एकड़ से अधिक भूमि बिना शासन की अनुमति के नहीं रख सकता।
इस बाबत जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से 7 नवंबर 2005 को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के लिए 400 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति प्राप्त कर ली थी हालांकि यह अनुमति शासन ने कुछ शर्तों के अधीन रहते दी थी।
शासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तो में ट्रस्ट द्वारा भूमि का उपयोग शैक्षिक संस्थान की स्थापना व निर्माण हेतु अनुमति दिए जाने के 5 वर्षों के भीतर ही कर लिया जाना था। अनुमति की एक शर्त यह भी थी के संस्था या उसके किसी पदाधिकारी द्वारा भूमि का कोई भी भाग किसी व्यक्ति या संस्था को किसी भी रूप में शासन की पूर्व अनुमति के बिना हस्तांतरण नहीं किया जाएगा तथा प्रेस द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत तक क्रय की गई भूमि और उस पर हुए निर्माण आदि का विस्तृत विवरण जिलाधिकारी रामपुर द्वारा शासन को प्रत्येक अप्रैल मास में प्रस्तुत करना होगा। अनुमति में यह भी स्पष्ट किया गया था कि शर्तों का उल्लंघन करने पर साड 12 एकड़ से जो भी भूमि अधिक होगी उसे राज्य सरकार में निहित कर लिया जाएगा और फिर उसके बदले कोई कंपनसेशन भी नहीं दिया जाएगा।
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर एक के बाद एक की जा रही शिकायतों की जांच कर रहे एसडीएम सदर ने अपनी रिपोर्ट में शासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का उल्लंघन होना दर्शाया था और उसी के आधार पर एडीएम प्रशासन रामपुर में अपनी अदालत में 16 जनवरी 2021 को निर्णय देते हुए एडीएम प्रशासन रामपुर ने जौहर यूनिवर्सिटी की लगभग 400 एकड़ जमीन में से 12.5 एकड़ भूमि छोड़कर शेष भूमि को सरकार में दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे।
एडीएम प्रशासन के आदेशों के खिलाफ जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट ने हाई कोर्ट में रिट दायर की थी जिस पर सुनवाई चल रही है हालांकि इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष और आजम खान सीतापुर जेल में रहे पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्लाह आजम खान भी 26 फरवरी 2020 से जेल में ही बंद हैं।
आज़म खान के खिलाफ चल रहे अधिकतर मुकदमो में शिकायत कर्ता रहे भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने ही इस मामले की भी शिकायत की थी जिसपर प्रशासन ने जांच कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया था। हाई कोर्ट से आज़म खान के खिलाफ आये इस फैसले को वह सच्चाई की विजय बता रहे हैं।
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