उत्तर प्रदेश/लखनऊ(नौमान माजिद): बाबा भोले की नगरी काशी में पूरे सावन के दो महीने में कांवड़ियों के रास्ते पर मांस की ब्रिकी पर कड़ाई से प्रतिबंध रहेगा। इस क़ानून का उल्लंघन करते पाए जाने पर FIR भी दर्ज होगी। वाराणसी में ऐसी दर्जनों दुकानों का चिन्हांकन भी हो चुका है, जिसको नगर निगम ने बंद करने का अल्टीमेटम दे दिया है और बाकायदा इसकी निगरानी के लिए टीम भी बना दी गई है।
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए काशी आने वाले श्रद्धालुओं और कांवड़ियों को पूरे रास्ते मीट-मांस की बिक्री का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि योगी सरकार की सख्ती के बाद वाराणसी नगर निगम ने कमर कस ली है।
वाराणसी नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वाराणसी नगर निगम श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह लगा हुआ है कि कहीं इनकी धार्मिक भावना आहत न हो।
इसके लिए कांवड़ियों के आने वाले रूट पर मीट, मुर्गा और मछली की दुकानों के अलावा इसके बने उत्पाद बनाकर बेचने वालों को भी निर्देशित कर दिया गया है कि वे अपनी दुकानों बंद रखे।
अगर कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी और FIR भी दर्ज करायी जायेगी ताकि भविष्य में कोई ऐसी गलती न हो। इसके लिए टीम भी बना दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली 25-30 दुकानों को चिन्हित भी किया जा चुका है। इसका रूट चितईपुर, पांडेयपुर और भोजूबीर की तरफ से कांवड़ियां आते हैं।
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