Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर
कोरोनावायरस(Coronavirus) के चलते किए गए देशव्यापी लॉकडाउन(Lockdown) ने जहां लोगों को अपने घरों में कैद कर दिया है वहीं न जाने कितने लोग सड़क पर भी आ गए हैं. यह वह लोग हैं जो अपने घर बार से दूर रोजी रोटी के चक्कर में दूसरे शहर गए हुए थे.
यह मज़दूर इससे बात से अनजान थे कि अचानक देशव्यापी लॉकडाउन हो जायगा लेकिन कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन होने के साथ ही इनकी दिहाड़ी मजदूरी भी जाती रही. कुछ तो ऐसे नौकरी पेशा ऐसे भी थे जिनके मालिकों ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
ऐसे में इन लोगों के सामने खाने पीने का संकट पैदा हो गया, दूसरी तरफ रेल बस और अन्य यात्रा के साधन बंद हो जाने से यह जहाँ थे वहीं फंस गए. जब खाने के भी लाले पड़ने लगे तो मजबूरी में यह लोग पैदल ही सैकड़ों मील दूर स्थित अपने अपने घरों के लिए चल पड़े।
भूखे पेट बिना सहारा सफर कर रहे इन लोगों के लिए खाने-पीने का संकट और भी गहरा गया जब रास्ते में पड़ने वाले ढाबे और होटल भी लॉक डाउन के चलते बंद मिले।
रामपुर में प्रशासन ने ऐसे लोगों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था की, जिसमें उनके खाने-पीने से लेकर विश्राम करने की व्यवस्था की गई है. रोड पर मिलने वाले लोगों को प्रशासन लाकर रैन बसेरे में ठहराएगा। इन रैनबसेरों में ऐसे ग़रीब लोगों के भोजन की भी व्यवस्था की जा रही है, साथ ही यह भी ध्यान रखा जा रहा है के वह कोरोना वायरस से खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों के लिए भी संक्रमण का जरिया ना बने।
सड़कों पर जा रहे लोग जो अपने घरों को वापस लौट रहे हैं उनके संबंध में जिलाधिकारी रामपुर आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया हमारे यहां रैन बसेरे पहले से चल रहे हैं. सभी रैन बसेरों में पर्याप्त जगह है उनके लिए वहां पर रुकने की व्यवस्था ताकि ज्यादा मोबिलाइजेशन को हम कंटेन कर सकें वो हम कर रहे हैं उनकी व्यवस्था करा दी है. खाने पीने की व्यवस्था करा दी है और बल्कि कल और आज भी जो लोग खुले में थे जो लोग इधर उधर मूव कर रहे थे उनको एक जगह स्टेबिल करने और खाने पीने की व्यवस्था हमने की और लगातार हमारी टीमें ऐसे लोगों की पहचान कर रही हैं और पहचान करके उनके रहने और खाने की व्यवस्था कर रही हैं।