भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने कहा है कि गोमूत्र इंसानों के उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि इसमें संभावित हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं। IVRI भारत में एक शीर्ष पशु अनुसंधान संगठन है।
उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईवीआरआई) में किए गए शोध का नेतृत्व भोज राज सिंह ने तीन पीएचडी छात्रों के साथ किया था।
ग़ौरतलब है कि ICAR-IVRI का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में गोमूत्र ने नए सिरे से ध्यान आकर्षित किया है।
तीन पीएचडी छात्रों के साथ संस्थान के भोज राज सिंह के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में पाया गया कि स्वस्थ गायों और बैलों के मूत्र के नमूनों में एस्चेरिचिया कोलाई की उपस्थिति के साथ कम से कम 14 प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जो पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
रिसर्च के निष्कर्ष ऑनलाइन रिसर्च वेबसाइट रिसर्चगेट में प्रकाशित किए गए हैं।
संस्थान में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख भोजराज सिंह ने कहा, हमने स्थानीय डेयरी फार्मों से तीन प्रकार की गायों साहीवाल, थारपारकर और विंदावानी (क्रॉस ब्रीड) के मूत्र के नमूने एकत्र किए, साथ ही भैंसों और मनुष्यों के नमूने भी लिए। यह शोध पिछले साल जून व नवंबर के बीच किया गया।
शोध के निष्कर्षो के मुताबिक यह धारणा सही नहीं है कि गोमूत्र जीवाणुरोधी होते हैं।
उन्होंने कहा, किसी भी मामले में मानव उपभोग के लिए मूत्र की सिफारिश नहीं की जा सकती है।
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