Farmer Protest: घने कोहरे में भी किसान केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ दे रहे धरना

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Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर

केंद्र सरकार द्वारा कृषि विधेयक (Farm Law 2020) बिल को लेकर इस वक्त पूरे देश का किसान सरकार के विरोध में सड़कों पर हैं।

किसान कृषि विधेयक बिल को काला कानून बता रहा है और इसको वापस करने के लिए खुले आसमान के नीचे भूखा प्यासा रहकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।

आज भारतीय किसान यूनियन आराजनैतिक के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी अपने कई किसानों को लेकर दिल्ली जा रहे थे कि तभी भोट थाने के पास उनको पुलिस ने रोक लिया और दिल्ली जाने नहीं दिया है। इसी विरोध में किसान नेशनल हाइवे पर धरने पर बैठ गए।

मुहम्मद हनीफ वारसी ने कहा यह सरकार को कृषि विधेयक के जो तीन काले कानून हैं इनको वापस लेना पड़ेगा। हम किसी भी सूरत में इन कानूनों को मानने वाले नहीं हैं।

आपको बता दें इस वक्त रामपुर में 15 डिग्री सेल्सियस का तापमान है और इस 15 डिग्री सेल्सियस के तापमान में घने कोहरे में ठंडी सड़क पर किसान खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है। लेकिन वह इस काले कानून को मानने को तैयार नहीं है।

बरहाल दिल्ली में किसानों से बातचीत का सिलसिला चल रहा है लेकिन अभी कुछ बात बन नहीं पाई है।

वहीं धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी से हमने बात की तो उन्होंने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने बयान की। उन्होंने कहा,” जब तक यह काला कानून वापस नहीं हो जाता और मोदी जी किसानों से माफी नहीं मांग लेते, उनकी पूरी कैबिनेट किसानों से माफी नहीं मांग लेती तब तक यह धरना चलता रहेगा, यह विरोध प्रदर्शन होता रहेगा।

उद्योगपतियों के हाथ में मोदी जी ने देश को बेच दिया

वारसी ने कहा,” केंद्र सरकार हमें क्या समझ रही है जब हम बंजर ज़मीन को उपजाऊ बना सकते हैं तो हम इनके दिमाग भी सही कर सकते हैं। हमें कोहरे से डर नहीं लगता हमें हमारी आने वाली नस्लों को बचाना है। उद्योगपतियों के हाथ में मोदी जी ने देश को बेच दिया है। इन्होंने एक वायदा भी किया था कि ना देश को झुकने दूंगा न देश को बिकने दूंगा लेकिन इन्होंने देश बेच दिया। जितनी बड़ी बड़ी संस्थाएं हैं चाहे कुतुबमीनार हो, लाल किला हो, एलआईसी हो, बीएसएनएल हो, एयर इंडिया रेलवे बेच दी है। बिजली प्राइवेट होने जा रही है, सब कुछ बेच दिया है  और आखिर में उन्होंने किसान को भी बेच दिया।

हनीफ वारसी ने कहा इनको यह काला कानून वापस लेना ही पड़ेगा।कहा हम लोग दिल्ली जाना ही शुरू हुए थे हम लोगों को रोक लिया इसीलिए आज हम यहां बैठे है।

वहीं धरने पर बैठे एक किसान जस्सा सिंह ने कहा, हम तो खेतो में पानी लगाते हैं मेंड के ऊपर बैठते हैं। हमारा तो काम ही यही है। हमारे परिवार की महिलाएं खेती किसानी कर रही हैं और अपनी बात करते-करते जस्सा सिंह रो पड़े और कहा कैसी सरकार है यह मोदी की? हमारे बच्चे घरों में रो रहे हैं और इसे बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही है। कैसी सरकार है, यह कैसे मंत्री हैं यह। लानत है ऐसी सरकार को, लानत है ऐसे मंत्रियों को।

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