Globaltoday.in | शहबाज़ मलिक | | रामपुर
रामपुर(Rampur) की जौहर यूनिवर्सिटी(Jauhar University) ने गेट ना तोड़े जाने की अपील पर हाईकोर्ट(High Court) के आदेश के तहत एक तिहाई जुर्माना राशि 49,14000 रुपए अदालत में जमा कर दिये हैं। याद रहे कि जौहर यूनिवर्सिटी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान(Azam Khan) का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इस यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार को पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बनाने के आरोप में एसडीएम सदर रामपुर की अदालत ने एक करोड़ 63 लाख का जुर्माना लगाया था। जिस पर जौहर यूनिवर्सिटी पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील की थी और हाईकोर्ट ने गेट तोड़े जाने पर स्टे तो दिया। लेकिन एक तिहाई जुर्माना राशि जो कि ₹49,14000 होती है जमा करने के आदेश दिए थे। इन्हीं आदेशों का पालन करते हुए जौहर ट्रस्ट ने एक चेक 49,14000 का अदालत में जमा करा दिया है।
सरकारी वकील राजस्व अजय तिवारी के मुताबिक,”यह दरअसल लोक निर्माण विभाग की जमीन पर लोक निर्माण विभाग की बिना अनुमति के जौहर ट्रस्ट ने गेट का निर्माण किया था और इस गेट के संबंध में पीपी एक्ट में एसडीम सदर के न्यायालय में मुकदमा कायम हुआ था, जहाँ एसडीएम सदर ने इस गेट को हटाये जाने का और जुर्माने का आदेश पारित किया था। इस आदेश के खिलाफ जौहर ट्रस्ट जो था उसने एक अपील दायर करी थी जिला जज के न्यायालय में और जुर्माने की रकम जो है उसमें फेर बदल किया था। जनपद न्यायाधीश ने इसके अतिरिक्त जो है वो न्यायालय के आदेश को यथावत रखा था। यहां से आदेश पारित होने के बाद जौहर ट्रस्ट हाई हाईकोर्ट गया और हाईकोर्ट ने यह कहा कि जो सत्र न्यायालय ने 1 करोड़ 63 लाख रूपए का हर्जाना डाला है जोहर ट्रस्ट के ऊपर उसकी तीस परसेंट धनराशि जो 49.14 लाख रुपए होती है उसको जवहर ट्रस्ट जमा करे और इसी के आधार पर जो है अपर न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट ने तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में जौहर ट्रस्ट की ओर से एक एप्लीकेशन दी थी और उसमे एक चेक दाखिल किया गया है जौहर ट्रस्ट की ओर से यह चेक जो है 49 लाख 14 हजार रुपए का चेक है जो उनके द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में जमा किया गया है। हाई कोर्ट में कम नहीं किया है, हाई कोर्ट ने ये कहा है कि जो स्टे दिया है वो इस आधार पर दिया है आप पहले जो है इस जुर्माने को भी जमा करके आये 30 परसेंट जुर्माना जो है। जुर्माने की राशि हर्जाने की राशि वो जमा करे वो इनके द्वारा चेक जो है वो दे दिया गया है न्यायालय में आगे उच्च न्यायालय में जो कि रिट विचाराधीन और माननीय उच्च न्यायालय का जो भी भविष्य में फैसला आएगा उसके अनुसार आगामी कार्रवाई होगी।