देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक मौलाना कलीम सिद्दीकी व उनके साथ के तीन मौलाना मंगलवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मेरठ से लापता हो गए। मौलाना अपने किसी परिचित के यहां दावत में मेरठ स्थित हुमायूं नगर आए थे। रात भर चर्चा रही कि मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके साथी मौलानाओं को सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया है और वे पूछताछ के लिए उन्हें अपने साथ लखनऊ लेकर गई हैं। हालांकि सुबह तक इसकी आधिकारिक पुष्टि किसी ने नहीं की।
Globaltoday.in | मेरठ | उरूज आलम
उत्तर प्रदेश के मेरठ से इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी(Kaleem Siddiqui) को एटीएस(ATS) ने गिरफ्तार किया है। उनपर अवैध धर्मांतरण का देशव्यापी सिंडीकेट चलाने का आरोप लगाया गया है, और इसके लिए हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग जुटाने का भी आरोप है।
इन गिरफ़्तारी पर देशभर में मानवाधिकार कार्यकर्ता और बुद्धजीवियों ने सवाल उठाया है और ख़ासकर चुनाव से पूर्व अवैध धर्मान्तरण को लेकर की जा रही गिरफ़्तारियों को ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
लिसाड़ी गेट थाने में तहरीर दी
इस्लामिक स्कॉलर के गायब होने की सूचना जब अफसरों को मिली तो हड़कंप मच गया, उधर थाने पहुंचे मौलाना के समर्थकों में से ही कुछ लोगों का कहना था कि उन्हें सूचना मिली है कि मौलाना कलीम को पुलिस ने उठाया है, इसीलिए हम यहां आए हैं। समर्थकों ने इसको लेकर थाने पर हंगामा भी किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें जल्द बरामद करने की बात कहकर शांत किया। हालांकि पुलिस प्रशासन के अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है की मौलाना को सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया है। लोगों ने लापता हुए मौलानाओं को बरामद करने की मांग करते हुए थाने में तहरीर दी। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए लिसाड़ीगेट थाने पर कई थानों की पुलिस फोर्स लगाया गया। पुलिस को आशंका है कि इस मामले में कोई बड़ा बखेड़ा हो सकता है।
एडीजी ने मौलाना की गिरफ़्तारी की पुष्टि की
मौलाना कलीम सिद्दीकी की एटीएस द्वारा गिरफ्तारी की बात यूपी के एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने स्वीकार किया है।उन्होंने मौलाना कलीम सिद्दीकी के ऊपर अवैध धर्मांतरण का देशव्यापी सिंडीकेट चलाने का आरोप लगाया है और अवैध धर्मांतरण कराने के लिए हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग जुटाने की बात कही है।
यूपी एटीएस के मुताबिक मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा धर्मांतरण के लिए उनका खुद का लिखा हुआ साहित्य जो प्रिंट और ऑनलाइन दोनों रूपों में उपलब्ध है का भी प्रयोग किया जाता है। यह साहित्य दावा है। (धर्मांतरण हेतु आमंत्रण) निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। मौलाना कलीम लोगों के बीच में इस विश्वास को जागृत कर रहे थे कि शरीयत के अनुसार बनी व्यवस्था ही सबको न्याय दे सकती है और इस बात को समझाने के लिए मौलाना कलीम सिद्दीकी तीन तलाक जैसे मुद्दों को शरीयत के अनुसार ही निपटाने की बात पर बल देता था। जिन संगठनों ने उमर गौतम से संबंधित ट्रस्ट अल हसन एजुकेशनल ऐंड वेलफेयर फाउंडेशन को फंडिंग की थी, उन्हीं स्रोतों से मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट जामिया इमाम वलीउल्ला ट्रस्ट को भी अनियमित रूप से भारी मात्रा में फंडिंग की गई है। अभी तक की जांच में मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट के खाते में 1.5 करोड़ रुपए एकमुश्त बहरीन देश से आए और लगभग 3 करोड़ रुपए की कुल फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यह भी तथ्य प्रमाणित हुए हैं कि उमर गौतम के पास से प्राप्त दस्तावेजों में जिन धर्मांतरित व्यक्तियों का ब्यौरा है, उनका निकट संबंध कलीम सिद्दीकी से भी है।
यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के लिए मौलाना कलीम सिद्दीकी को दोषी ठहराया है। पैसे के जरिए लोगों को गुमराह करने और उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकारने की भी बात की गई है और साथ ही डरा धमकाकर भयाक्रांत कर इस्लाम धर्म स्वीकारने की बात को भी एटीएस ने कहा है। जबकि ऐसा सच नहीं है। आज के समय में पढ़े-लिखे को तो जाने दें बल्कि अनपढ़ लोग भी अपना भला-बुरा अच्छी तरह से समझते हैं।
गिरफ़्तारी पर उठने लगे सवाल
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने ट्विट करके मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उन्होंने लिखा है कि, “उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी साहब को गिरफ्तार किया गया है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्युलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को और मजबूती दे रही है। यूपी चुनाव जीतने के लिए बीजेपी आखिर और कितना गिरेगी ?”
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