रामपुर(रिज़वान ख़ान): उत्तर प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और जमीनी स्तर तक पहुंचाने की तमाम कोशिशों के बावजूद, स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। रामपुर के अर्बन अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी से गैरमौजूदगी ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रामपुर जनपद में शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के उद्देश्य से अर्बन अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। इन अस्पतालों का मुख्य उद्देश्य मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाना है। हालांकि, आशा वर्करों पर अक्सर यह आरोप लगते रहते हैं कि वे गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पतालों में भर्ती कराने की सिफारिश करती हैं। इसके साथ ही, अर्बन अस्पतालों में कई डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपनी ड्यूटी से नदारद पाए गए हैं। इन अस्पतालों में नोडल अधिकारियों द्वारा निरीक्षण और निगरानी की कमी ने समस्या को और बढ़ा दिया है।
रामपुर के सीडीओ नंदकिशोर कलाल ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। जांच के बाद कई आशा वर्कर्स पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में और कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही की ये तस्वीरें सोचने पर मजबूर करती हैं। जरूरत है कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाएं, ताकि सरकार के प्रयासों का फायदा जनता तक पहुंच सके।