‘जंगलराज के युवराज’ कहकर मोदी ने तेजस्वी पर किया डायरेक्ट अटैक!
बिहार में आज पहले दौर की वोटिंग में बहुत ज्यादा उत्साह नजर नहीं आया। हालांकि बीते चुनावों की तुलना में ठीकठाक संख्या में वोटर घरों से बाहर निकले। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में ताबड़तोड़ तीन रैलियां कीं। राहुल गांधी ने भी पश्चिम चंपारण और मिथिलांचल के कुशेश्वरस्थान में मोदीजी पर सीधा हमला बोला और उन्हें झूठे वादे करने और कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर काम करने वाला प्रधानमंत्री बताया। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि आज देश के किसान नए कृषि कानूनों से इतने नाराज हैं कि पंजाब में दशहरा पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद की जगह मोदीजी और उनके मित्र उद्योगपति अडाणी और अंबानी के पुतले जला डाले।
मोदीजी के पास आज कहने के लिए कोई नई बात नहीं थी। वही घिसी-पिटी केंद्र सरकार की तमाम योजनाएं थीं। मोदीजी (Modi Ji) ने आज राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की जगह तेजस्वी यादव को सीधे निशाने पर लिया। उऩ्होंने लालू-राबड़ी यादव राज की याद दिलाने हुए तेजस्वी यादव (Tejashvi Yadav)को ‘जंगल राज का युवराज’ कहकर उनकी खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा, किडनैंपिंग राज और रंगदारी मांगने वाले आज सत्ता पर नजर गड़ाए बैठे हैं। ये वही लोग हैं जो बिहार के विकास की परियोजनाओं में रिश्वतखोरी करते थे और ‘पैसा हजम, परियोजना खत्म’ पर यकीन करते हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव के 10 लाख सरकारी नौकरी के दावे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी का वादा इनके लिए कमाई का जरिया है, ये क्या नौकरी देंगे? मोदीजी ने यहां तक कह डाला, ‘अगर जंगल राज वाले राज करने आएंगे तो सरकारी नौकरी की तो बात छोड़िए, नौकरी देने वाली प्राइवेट कंपनियां भी नौ-दो ग्यारह हो जाएंगी। लालटेन युग अब लौटकर नहीं आने वाला है।‘
तेजस्वी पर मोदीजी के इन हमलों का जवाब राहुल गांधी ने भींगा-भींगा कर दिया। उन्होंने पश्चिम चंपारण की सभा में मोदीजी के 2015 के भाषण की याद दिलाते हुए लोगों से पूछा, ‘बताइए यहां कोई चीनी मिल चालू हुआ? मोदीजी ने 2015 में कहा था कि अगली बार आऊंगा तो यहां के चीनी मिलों की चीनी डालकर आपके साथ चाय पियूंगा।‘ राहुल ने लोगों को कोरोना के बाद लॉकडाउन और पलायन के दर्द की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि बिना किसी नोटिस के नोटबंदी की तरह ही लॉकडाउन का एलान किया और सबकी नौकरी छीन ली। उद्योग-धंधों और कल-कारखानों को बंद कर दिया। ना तो गरीबों के खाने-पीने का इंतजाम किया और न ही उनके घर लौटने के लिए बस-ट्रेन चलाए। लोगों को सैकड़ों किलोमीटर अपने बाल-बच्चों के साथ पैदल ही अपने घर लौटना पड़ा। राहुल ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वो 22 दिनों में किसी तांत्रिक की तरह कभी मोबाइल का टार्च जलाकर तो कभी ताली-थाली बजाकर कोरोना भगाते रहे। आज देश में कोरोना की भयावहता का अंदाजा आपको हो रहा होगा।
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राहुल यहीं नहीं रुके। उन्होंने लोगों को नोटबंदी की याद दिलाते हुए कहा कि मोदीजी ने 4 घंटे की नोटिस पर आप सबको लाइन में खड़ा कर दिया। लेकिन आपने किसी रसूखदार आदमी को लाइन में देखा क्या? दरअसल नोटबंदी का लक्ष्य मजदूरों, किसानों, छोटे कारोबारियों को बरबाद करना था। मोदीजी ने आपकी जेब से पैसे निकाले और और अडाणी और अंबानी के साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जे माफ कर दिए। इसी तरह लॉकडाउन का लक्ष्य लोगों को आर्थिक रूप से इतना कमजोर कर देना था कि वो अपनी बचा-खुची जिंदगी और संपत्ति भी पूंजीपतियों के हाथों में सौंप दें। मोदीजी ने लॉकडाउन में लाखों करोड़ का जो पैकेज दिया उसका मोटा हिस्सा अडाणी, अंबानी जैसे अपने पांच-छह मित्रों में बांट दिया है।
राहुल ने तेजस्वी को एक युवा, होनहार और ऊर्जावान नेता बताते हुए मोदीजी के उनपर किए तंज का जवाब दिया। राहुल ने कहा कि 10 लाख स्थायी नौकरी देने का रोडमैप पेश कर तेजस्वी ने नए बिहार के लिए अपने विजन का परिचय दे दिया है। मगर मोदीजी इस युवा नेता का मजाक उड़ा रहे हैं। उन्होंने पूछा, मोदीजी हर साल 2 करोड़ रोजगार देने के वायदे का क्या हुआ? देश के युवा जब उनसे रोजगार मांगते हैं तो वो कहते हैं, पंचर लगाओ, पकौड़े छानो। हालत इतनी खराब है कि बिहार का युवा आज देश के दूसरे हिस्से में भी नौकरी ढूंढने के सपने नहीं देख सकता। क्योंकि देशभर में रोजगार के अवसर खत्म कर दिए गए हैं।
इससे पहले आज सुबह मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के दौरान पुलिस फायरिंग की घटना को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर करारा प्रहार किया और उसकी तुलना जालियांवाला बाग से की। तेजस्वी ने पूछा कि मुंगेर पुलिस को जनरल डायर बनने की इजाजत किसने दी। उन्होंने इसके लिए नीतीश कुमार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। इस मामले में तेजस्वी से भी दो कहम आगे बढ़कर एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने तो नीतीश की तुलना जनरल डायर से ही कर दी। उन्होंने पूछा, चुपचाप बैठे लोगों पर लाठियां क्यों और किस इरादे बरसाईं गईं। गौरतलब है कि मुंगेर की एसपी एक जेडीयू नेता की बेटी हैं।
आज मोदीजी की सभाओं में भले ही नीतीश मंच पर नजर आएं कि सच्चाई ये है कि नौकरी और फ्री कोरोना वैक्सीन का दांव उल्टा पड़ने के बाद बीजेपी ने उन्हें डम्प कर दिया है। उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है। मोदीजी के चुनावी पोस्टरों से भी नीतीश को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पोस्टर में सिर्फ मोदी पर भरोसे की बात कही गई है। दरअसल बीजेपी को डर है कि कहीं नीतीश के खिलाफ नाराजगी बीजेपी को न ले डूबे। क्योंकि नीतीश आज जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं उससे बिहार में उनकी खूब छीछालेदर हो रही है। वो बार बार अपना आपा भी खो रहे हैं। वो तेजस्वी को सरेआम कह रहे हैं, कि जाकर अपने बाप से पूछो। अपनी मां से पूछो। तुम दिल्ली में किसके घर में रहते थे। लालू यादव ने जेल जाने से पहले अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया। जब कोई शख्स इस नीचता पर उतर जाता है तो आप उसकी घबराहट का अंदाजा लगा सकते हैं। बीजेपी को पलायन करने वाले बिहारियों से भी डर लग रहा है। क्योंकि वो भी एनडीए को सबक सिखाने के मूड में नजर आ रहे हैं।
बहरहाल, आज मोदी की सभाओं में नीतीश कुमार बैकफुट पर नजर आए और मोदीजी ने फ्रंटफुट पर आकर तेजस्वी यादव पर हमले किए। अपनी पहले दौरे में मोदीजी ने धारा 370 की बात की थी लेकिन आज उन्होंने इसका कोई जिक्र नहीं किया। हालांकि दरभंगा कि सभा में राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने में पीछे नहीं रहे। बिहार में रिश्वत राज, शराबबंदी के बाद भी इसकी होम डिलीवरी और फ्री कोरोना वैक्सीन पर वो खामोश रहे। हालांकि उन्होंने महामारी के साथ जंगल राज और बिहार को बीमार करने वाली ताकतों को हराने का आह्वान जरूर किया। वहीं राहुल गांधी ने आज मोदीजी को हर साल 2 करोड़ नौकरी, सबके अकाउंट में 15-15 लाख, बिहार को सवा लाख करोड़ के पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा देने के सवाल पर घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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