अफगानिस्तान के क़न्धार प्रांत में पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीक़ी की जुमे के रोज़ अफ़ग़ान सेना और तालिबान के बीच क्रॉस फायरिंग के दौरान मौत हो गयी। अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने जुमे के रोज़ इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षा बलों के साथ एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट कर रहे थे और उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई।
बता दें कि, दानिश सिद्दीकी समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे और वह तालिबान हिंसा की कवरेज के लिए क़न्धार गए हुए थे।
उधर दानिश सिद्दीकी की हत्या में तालिबान ने अपना हाथ होने से इनकार किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने CNN-News18 से बात करते हुए कहा,
CNN-News18 को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मुजाहिद ने कहा, “युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी पत्रकार को हमें खबर देनी चाहिए. हम उस पत्रकार की उचित देखभाल करेंगे.”
दानिश सिद्दीकी की मौत पर दुःख प्रकट करते हुए तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, “हमें भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत के लिए बेहद अफ़सोस है.”
गौरतलब है कि दानिश सिद्दीकी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के साथ काम करते थे। उनके शव को रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) को सौंप दिया गया है। शव को अब भारत लाने की तैयारी की जा रही है.
दानिश सिद्दीकी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मास कम्युनिकेशन के स्टूडेंट रहे थे और उनके पिता श्री अख्तर सिद्दीकी जामिया में प्रोफ़ेसर हैं।
दानिश सिद्दीक़ी को आज प्रेस क्लब में पत्रकारों ने और जामिया में लोगों ने जमा होकर श्रद्धांजलि दी।
जामिया की वीसी शोक व्यक्त करने फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के घर गईं
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर; अफगान सशस्त्र बलों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते हुए अफगानिस्तान में मारे गए जामिया के पूर्व छात्र एवं फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के घर गईं। जामिया नगर स्थित उनके आवास पर उन्होंने दानिश के पिता प्रो. अख्तर सिद्दीकी और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की।
उनके साथ कुलसचिव और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कुलपति ने प्रो. सिद्दीकी को सांत्वना दी और दानिश के बारे में उनसे लगभग 40 मिनट तक कई बातें कीं। उन्होंने दानिश को अपने पिता की तरह एक सच्चा फाइटर करार दिया, जिसे वह काफी लंबे समय से जानती हैं। प्रो. अख्तर ने कहा कि दानिश ने सच्चाई को दुनिया के सामने लाने के लिए लगन से काम किया और हमेशा गलत के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने कहा “दानिश का निधन न केवल उनके परिवार और जामिया बिरादरी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।” कुलपति ने प्रो. सिद्दीकी को बताया कि आने वाले मंगलवार को जामिया अपने विश्वविद्यालय परिसर में एक शोक सभा आयोजित करेगा| साथ ही उसी समय विश्वविद्यालय परिसर में दानिश के अनुकरणीय कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी ताकि छात्र इससे प्रेरणा ले सकें।