Globaltoday.in|तरन्नुम अतहर|बिहार
मोतिहारी नगर के उर्दू पुस्तकालय के पीछे अवस्थित हाशमी निवास के एक जिंदादिल इंसान एवं राज्यसभा सदस्य रहे शमीम हाशमी की 14 वी पुण्य स्मृति दिवस पर कांग्रेसजनों के अलावा अन्य लोगो ने अपने उद्गार व्यक्त किये।
शमीम हाश्मी को याद करते हुए सभी ने उन्हे बड़ा ही अजीज, प्रिय और स्नेही बताया। उनके साथ बिताए पलो का संस्मरण भी सुनाया और कहा कि हाशमी परिवार मोतिहारी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए एक उदाहरण है।
गंगा जमुनी संस्कृति, संप्रदायिक समभाव के मामले में यह परिवार एक मिसाल है। और शमीम हाशमी साहब उस परंपरा को आगे बढ़ाने में हमेशा लगे रहे।
राजीव गांधी के अति करीबी रहे हाशमी हाशमी साहब अपने विशेष सेवा गुण एवं शिक्षाविद होने के कारण ही राज्यसभा के लिए चयनित किए गए और अपने कार्यकाल में भी उन्होंने बहुत कुछ किया।कई लोगो ने कहा कि वे हमेशा हर्षित मुख रहते थे। आवाज में एक विशेष कशिश थी। उनकी कमी मोतिहारी वासियों को हमेशा खलती रहेगी।
जमील अहमद ने कहा हाशिम साहब से मेरा बहुत ही निकट का संबंध रहा और उन्होंने हमें बहुत कुछ सिखाया है। जिला अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने संदेश भेजकर कहा कि हाशिम साहब के जैसे कांग्रेस के सिपाहियों ने कांग्रेस को आगे बढ़ाया और देश के सामने सेवा का मिसाल प्रस्तुत किया ।बिपिन बिहारी अधिवक्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा व्यक्तिगत उनसे संबंध रहा है, वे ईमानदारी के प्रतीक रहे हैं।
राज्यसभा में कभी भी उनके ऊपर किसी तरह का कोई दोषारोपण नहीं लगा और जो भी विकास की राशि उन्हें मिली है उसको समाज के विकास के लिए हमेशा लगाएं। हाशिम परिवार के सभी लोगों ने उक्त मौके पर अपने को न सिर्फ शामिल किया बल्कि अपने मधुर उस पल के संस्मरण को भी रखा। कई लोगों ने कहा कि हमने उनमे कभी भी गुस्सा नहीं देखी हर बात को बड़ी सहजता के साथ सभी के बीच रखते थे। परिवार को भी उन्होंने एकता के सूत्र मे बान्ध कर रखा, यह उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। 11 जून 2006 को वो मोतिहारी निवास सभी को छोड़ कर दुनिया से अलविदा कर गये।
वक्ताओं ने कहा कि उनका इस तरह से गुज़र जाना सभी के लिए लिये एक अज़ीम सदमा था। लेकिन हक़ीक़त को तस्लीम करना ही हक़ीक़त भी है और ईमान भी है। मौत एक हक़ीक़त है और यही दुनिया की सच्चाई है।
पूरे कार्यक्रम प्रोग्राम में एक खास चर्चा रही कि आखिर शमीम हाशमी की एक संतान को, जो जेडीयू से जुड़े होने के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा उनको किसी भी प्रकार से सरकार में ज़िम्मेदारी न देना अफ़सोस नाक बात है, जबकि नितीश कुमार और लालू प्रसाद यादव भी शमीम हाशमी साहब की इज़्ज़त करते थे। लेकिन जब उनके जाने के बाद उनके पुत्र को सम्मान देने की बात हुई तो नितीश कुमार ने किनारा अख्तियार कर लिया।
उनके दूसरे नम्बर के पुत्र दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार रूमान हाशमी ने ग्लोबलटुडे से कहा,”मुझे गर्व है कि मैं उनकी संतान हूँ। आज मेरे पिता की ईमानदारी और सच्ची सियासत की लोग अगर क़सम खा रहे है तो वो आज के इस दौर में गन्दी सियासत करने वालों के मुँह पर करार तमाचा है।
वहीं उनके बड़े सुपुत्र रेहान हाशमी जो वर्त्तमान समय जनता दाल यूनाइटेड से जुड़े हैं ने कहा,” 08 जून 2006 को हमारे फ़ादर जनाब शमीम हाशमी,पूर्व राज्य सभा मेंबर हम सभी को छोड़ कर दुनिया से अलविदा कर गये थें। उनका इस तरह से गुज़र जाना हम लोगों के लिये एक गहरा सदमा था ,लेकिन हक़ीक़त को तस्लीम करना ही हक़ीक़त भी है और ईमान भी है मौत एक हक़ीक़त है और यही दुनिया की सच्चाई है, और उनकी ईमानदारी और सादगी ही थी कि आज भी मोतिहारी में उनको लोगो द्वारा याद किया गया।
- Winter Vaccation Anounced In J&K Degree Colleges
- National Urdu Council’s Initiative Connects Writers and Readers at Pune Book Festival
- पुणे बुक फेस्टिवल में राष्ट्रीय उर्दू परिषद के तहत ”मेरा तख़लीक़ी सफर: मुसन्निफीन से मुलाक़ात’ कार्यक्रम आयोजित
- एएमयू में सर सैयद अहमद खान: द मसीहा की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित
- Delhi Riots: दिल्ली की अदालत ने 4 साल बाद उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत दी