Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर
सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सज़ा बरकरार रखने के बाद राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बावजूद अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के 7 लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम (Shabnam) को फांसी के फंदे से बचाने बाला यूं तो कोई भी नहीं नजर आता लेकिन वह अब भी ना उम्मीद नहीं है।
जेल के अंदर पूरी तरह से सामान्य कैदियों की तरह जीवन यापन कर रही शबनम मौत की आहट से बेखौफ है, उसे शायद अभी भी जीने की उम्मीद बरकरार है।
रामपुर जेल के महिला बैरक में बंद शबनम के लिए भले ही रामपुर के जेलर ने डेथ वारंट अदालत से जारी करने को कहा है, जिसके बाद बचने की कोई भी गुंजाइश नजर नहीं आती। लेकिन फिर भी शबनम के दो वकीलों ने रामपुर जिला जेल अधीक्षक से मिलकर एक बार फिर दया याचिका महामहिम राज्यपाल के समक्ष भेजने की गुहार लगाई है।
रामपुर जेल अधीक्षक भी शबनम के वकीलों द्वारा दी गई याचिका महामहिम राज्यपाल के समक्ष भेज रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि दोबारा भेजी गई शबनम की दया याचिका राज्यपाल स्वीकार करेंगे या एक बार फिर उसे खारिज कर दिया जाएगा।
वहीं जेल अधीक्षक पी डी सलोनिया ने ग्लोबलटुडे(Globaltoday) को बताया,”शबनम के संबंध में दो वकील आए थे। उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया है जिसको माननीय राज्यपाल महोदय को प्रेषित किया जा रहा है। दया याचिका के लिए दिया है पहले दया याचिका खारिज हो चुकी है। इन्होंने दोबारा प्रार्थना पत्र दिया है जिसे राज्यपाल महोदय को प्रेषित किया जाएगा।
- कांग्रेस के न्याय पत्र से घबराए हुए हैं पीएम मोदी, इसीलिए झूठा प्रोपगैंडा फैला रहे हैं: पवन खेड़ा
- कांग्रेस और सपा आपका घर, संपत्ति लूटना चाहते हैं- मोदी
- लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार आज समाप्त
- मोदी के मुस्लिम विरोधी बयान की आलोचना करना BJP के मुस्लिम नेता को पड़ा महंगा, पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
- बरेली: बसपा प्रत्याशी आबिद अली ने बताया जान को ख़तरा, सपा, भाजपा प्रत्याशी पर गंभीर आरोप लगाए
- Rampur: ज़िलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने किया कोसी नदी तट का निरीक्षण