मेरठ के सौरभ राजपूत की जिंदगी एक खूबसूरत प्रेम कहानी से शुरू हुई थी, जब उन्होंने 2016 में मुस्कान से प्रेम विवाह किया। मर्चेंट नेवी में काम करने वाले सौरभ अक्सर विदेश में रहते थे, लेकिन 24 फरवरी 2025 को अपनी पत्नी मुस्कान का जन्मदिन और बेटी पीहू के जन्मदिन के लिए लंदन से मेरठ लौटे। मगर उन्हें क्या पता था कि उनकी प्यारी मुस्कान ने पड़ोसी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रच रखी थी। 4 मार्च की रात, मुस्कान ने सौरभ को खाने में नींद की दवा दी, और जब वह बेहोश हो गए, साहिल को घर बुलाकर दोनों ने चाकू से उनकी हत्या कर दी। इसके बाद शव के 15 टुकड़े कर उन्हें प्लास्टिक के ड्रम में डाला और सीमेंट से सील कर दिया।
ड्रग एंगल और साजिश का खुलासा
इस हत्याकांड में ड्रग्स का गहरा कनेक्शन सामने आया। मुस्कान और साहिल दोनों नशे के आदी थे और हत्या के दिन भी उन्होंने सिगरेट में ड्रग्स मिलाकर पी थी। सौरभ को मुस्कान और साहिल के नाजायज संबंधों की जानकारी थी, और 2021 में उसने तलाक की कोशिश भी की थी, लेकिन बेटी के भविष्य के लिए उसने रिश्ते को बचाने का फैसला किया। सौरभ मुस्कान के प्यार में इस कदर पागल था कि उसने उसकी गलतियों को बार-बार नजरअंदाज किया, जबकि मुस्कान ड्रग्स की लत में फंसे साहिल के चक्कर में पड़ गई। हत्या के बाद दोनों ने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और हिमाचल घूमने चले गए, ताकि किसी को शक न हो। लेकिन सौरभ के परिवार के शक और पुलिस की जांच ने इस सनसनीखेज अपराध का पर्दाफाश कर दिया।
मुस्कान के माता-पिता की सराहना
इस मामले में मुस्कान के माता-पिता की हिम्मत और नैतिकता की तारीफ करनी होगी। जब मुस्कान ने अपनी मां को सौरभ की हत्या की बात बताई, तो उन्होंने बिना देरी किए पुलिस को सूचना दी और अपनी बेटी को कानून के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने मुस्कान और साहिल के लिए फांसी की सजा की मांग की, जिससे साफ होता है कि वे न्याय के पक्ष में खड़े हैं, भले ही यह उनकी अपनी बेटी के खिलाफ क्यों न हो। यह कदम समाज के लिए एक मिसाल है कि अपराध को छिपाने के बजाय सच को सामने लाना ही सही रास्ता है।
शिक्षा और समाज के लिए सबक :
यह घटना समाज को एक कड़वा सबक देती है कि हर मामले में महिलाओं को सही मान लेना उचित नहीं है। पति और ससुराल वालों की बात भी सुनी जानी चाहिए। सौरभ ने अपनी पत्नी की हरकतों को बर्दाश्त किया, जो शायद उसे नहीं करना चाहिए था। यह मामला मनोवैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बन सकता है कि कैसे मुस्कान ने सौरभ से प्रेम विवाह किया, लेकिन बाद में ड्रग्स में डूबे साहिल के चक्कर में पड़कर अपने प्यार करने वाले, संपन्न पति की बेरहमी से हत्या कर दी। यह दिखाता है कि नशे और गलत संगति इंसान को कितना नीचे गिरा सकती है।
यह घटना मानवीय रिश्तों में विश्वास और नैतिकता की कमी को उजागर करती है। सौरभ का अपनी पत्नी पर अंधा भरोसा और मुस्कान का ड्रग्स और अवैध संबंधों में फंसना एक त्रासदी है। यह हमें सिखाता है कि रिश्तों में संतुलन और जागरूकता जरूरी है। साथ ही, समाज को यह समझना होगा कि नशे की लत न केवल व्यक्ति को, बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद कर सकती है।
इस मामले में सौरभ की मासूमियत और मुस्कान की क्रूरता के बीच का अंतर बेहद चौंकाने वाला है। हां, इस हत्या और ऐसे अन्य अपराधों के लिए हमारी फ़िल्में और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले हिंसक सीरियल भी जिम्मेदार हैं।
हमारी सामाजिक व्यवस्था और एक तरफा कानून के चलते एक और निर्दोष और सच्चा मर्द शहीद हो गया।