ब्रिटेन के सांसदों ने असाध्य रूप से बीमार वयस्कों के लिए ऐतिहासिक सहायता प्राप्त मृत्यु विधेयक के पक्ष में मतदान किया।
शुक्रवार, 29 नवंबर को एक ऐतिहासिक कदम के तहत गंभीर रूप से बीमार और पीड़ित लोगों को अपनी जिंदगी खत्म करने का अधिकार देने के लिए ब्रिटेन की संसद में पेश किया गया बिल पहला चरण पार कर चुका है।
विदेशी समाचार एजेंसी के मुताबिक, ब्रिटिश संसद में लेबर सांसद किम लेडबेटर ने ब्रिटेन में गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए मौत चुनने पर एक बिल पेश किया।
संसद के 330 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में और 275 ने विपक्ष में मतदान किया, जबकि सरकार मृत्यु-विकल्प विधेयक पर तटस्थ रही और सदस्यों ने अपनी इच्छानुसार मतदान किया।
प्रस्तावित विधेयक के तहत, मृत्यु चुनने वाले व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, उसे किसी दबाव से मुक्त होना चाहिए और अपनी स्वतंत्र इच्छा से निर्णय लेना चाहिए।
डॉक्टरों की राय के अनुसार, उसका शेष जीवन 6 महीने होना चाहिए, उसे 2 अलग-अलग गवाहों की उपस्थिति में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा, उसे मृत्यु की पसंद के बारे में एक सप्ताह के अंतराल पर 2 डॉक्टरों को संतुष्ट करना होगा और उसके बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से अनुमति लेनी होगी। जिसके 14 दिन बाद वह मृत्यु का चयन कर सकता है, मृत्यु के लिए डॉक्टर उसे सामग्री प्रदान करेगा लेकिन वह इसका उपयोग स्वयं करेगा।
बिल में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि मौत चुनने के लिए किस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा, किसी बीमार व्यक्ति को मौत चुनने के लिए मजबूर करने पर 14 साल की सजा होगी।
बताया जा रहा है कि यह बिल अब समिति स्तर पर जाएगा जहां सदस्य इसमें संशोधन कर सकेंगे और संसद तथा हाउस ऑफ लॉर्ड्स से मंजूरी मिलने के बाद ही यह बिल कानून बनेगा।
बता दें कि 2015 में इस संबंध में पेश किए गए बिल को सदस्यों ने भारी बहुमत से खारिज कर दिया था।