गुजरात दंगे पर भाजपा से सवाल करने वाले हाशिमपुरा नरसंहार पर कब कांग्रेस से जवाब मागेंगे?

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नींद ना आना एक बीमारी है जिसे “इनसोम्निया” कहते हैं। शारीरिक तौर पर भले ही यह एक बीमारी हो लेकिन राजनीतिक अर्थ में इसे आप जागरूकता कह सकते हैं। जो इंसान जितना लोकतांत्रिक होगा , जिन्हें देश की जितनी चिंता होगी उनके अंदर यह बीमारी उतनी ही गंभीर होगी। लेकिन आपके राजनीतिक तौर पर सोने और जागने का फैसला जब आपका पक्षपाती मन करे तो ऐसी बीमारी को “सेलेक्टिव इनसोम्निया” कहते हैं। अफसोस आज हम में से अधिकतर लोग इसी घातक बीमारी से ग्रस्त नज़र आते हैं।

यह बीमारी मुसलमानों में कुछ ज्यादा ही फैली हुई है। भाजपा की सांप्रदायिकता साबित करने के लिए तो वो चश्मा तो क्या दूरबीन तक उठा लाते हैं, लेकिन बात कांग्रेस की आ जाए तो उनकी आंखों में मोतियाबिंद हो जाता है। मैं यह नहीं कहता कि भाजपा और आरएसएस को मुसलमान जायज़ तौर पर सवालात के कटघरे में खड़ा नहीं कर रहे हैं , लेकिन जो कांग्रेस आजादी से लेकर अबतक कौम की हर समस्या के लिए जिम्मेदार है, उस से कभी जवाब तलब क्यों नहीं क्या जाता? यह वही पार्टी है ना जिसके बारे में बलराज मधोक ने कहा था कि इस पार्टी में जनसंघ से ज्यादा जनसंघी मौजूद हैं।

इस बात से कैसे नज़रें चुराई जा सकती हैं कि मुसलमानों के खिलाफ अधिकतर नरसंहार कांग्रेस काल में ही हुए हैं।

शुएब चौधरी
शोएब हुसैन चौधरी फिल्म निर्माता एवं निर्देशक, मुंबई

35 साल पहले 23 मई 1987 को आज के ही दिन पीएसी(PAC) ने कथित तौर पर दंगाइयों का साथ देते हुए हाशिमपुरा(Hashimpura) में 3 घंटे के अंदर 45 लोग मारकर मुरादनगर गंग नहर में फेंक दिया था। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं थी। मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह थे। तब ‘दंगाइयों’ से निपटने की रणनीति बनाने के लिए होने वाली मीटिंग में मुसलमानों को दूर रखा गया था। कांग्रेस से मेरठ की सांसद मोहसिना किदवई और मुरादनगर से लोकदल एमएलए चौधरी सखावत हुसैन तक को इस मीटिंग से अलग रखा गया था। मामला जब खुला तब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पी चिदबंरम ने इस नरसंहार को दबाने की भरपूर कोशिश की थी।

कांग्रेस का ‘संघी चरित्र”‘ नया नहीं है। ये सिलसिला तो बहुत पुराना है।

आखिर कब तक मुसलमान “सेलेक्टिव इनसोम्निया” का शिकार रहेंगे? 2002 के गुजरात दंगे पर भाजपा से सवाल करने वाले मुसलमान आखिर कब 23 मई 1987 के लिए कांग्रेस से जवाब तलब करेंगे?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि ग्लोबलटुडे इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है)

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