ये महिलायें आज़म खान पर हुए मुक़दमे को वापस लेने की मांग कर रही थीं जिसके चलते महिलाओं की पुलिस से नोक-झोंक हुई, आज़म खान ने रामपुर प्रशासन पर महिलाओं से बत्तमीज़ी करने के आरोप लगाए
रामपुर/सऊद खान: सपा नेता आज़म खान ने एक बार फिर रामपुर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसबार उन्होंने प्रशासन पर रामपुर की महिलाओं से बदतमीज़ी करने के आरोप लगाए हैं।
दरअसल सपा समर्थक महिलाएं आज गाँधी समाधी पर इकट्ठी हुयी थीं, जहां उन्होंने आज़म खान पर हुए मुकददमो को फ़र्ज़ी बताते हुए वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान वहां पुलिस पहुंच गयी और उसने प्रदर्शनकारी महिलाओं से अनुमति अनुसार धरना प्रदर्शन करने को कहा। इसी के चलते इन महिलाओं से पुलिस अधिकारीयों की तीखी नोकझोंक भी हुयी।
इसके तुरंत बाद ही सभी ये महिलाएं सपा कार्यालय पहुंचीं और रामपुर सांसद आज़म खान से पुलिस द्वारा अश्लीलता और अशोभनीय व्यवहार की बात कही। जिसपर आज़म खान ने मीडिया के समक्ष आकर अपना वक्तव्य रखा और रामपुर प्रशासन पर महिलाओं से बत्तमीज़ी करने के आरोप लगाए।
आज़म खान ने प्रेस वार्ता कर कहा कि लगता ये है जिला प्रशासन ने विधान सभा का चुनाव लड़ाना शुरू कर दिया है और भारतीय जनता पार्टी के लिए वो सारे दरवाज़े खोले जा रहे हैं जो पार्लियामेंट के वक़्त उनकी मदद की गयी थी। आज जिस तरह गांधी समाधी पर जिस तरह की बात हुयी है वो असहनीय है, अशोभनीय है, निंदनीय है।
आज़म खान ने कहा क्योंकि गांधी समाधि पर धारा 144 नहीं लगी है और गांधी समाधि के परिसर में धारा 144 लग भी नहीं सकती क्योंकि यह राष्ट्रपिता की समाधि है, जहां 144 हो वहां पांच व्यक्तियों या उससे ऊपर कोई अराजक काम करने की पाबंदी होती है। लेकिन जब शहर में जिले में कहीं 144 लगी हुई नहीं है तो महिलाओं के साथ पुलिस का अभद्र व्यवहार, अश्लील व्यवहार, अशोभनीय व्यवहार निंदनीय है।
ऐसा लगता है लोकतंत्र रहा ही नहीं
आज़म खान ने कहा कि मैं इस बात की कोशिश करूंगा कि पार्लिमेंट के दूसरे मेंबर से भी इस बारे में बात करूं, स्पीकर से भी बात करूं और आज के मामले के लिए मैं उन्हें अवगत कराऊं। वहां की मीडिया को भी आज के हालात से मैं कोशिश करूंगा कल अवगत कराने की और मैं इस बात के लिए सख्त हिदायत देना चाहता हूं प्रशासन को कि वह अपनी हदों में रहे और महिलाओं के साथ अगर किसी भी तरह की बदतमीजी प्रशासन की तरफ से हुई तो यह दावत देना होगी अपने खिलाफ एक बड़े आंदोलन को खड़ा करने की।
आज जो भाषा बोली है पुलिस ने, जिस तरह से महिलाओं को धक्के दिए हैं… उन्हें छूने का कोई अधिकार नहीं है किसी महिला को… अशोभनीय और अनर्गल भाषा का इस्तेमाल करने का, डराने का, धमकाने का, ह्रास करने का।ऐसा लगता है लोकतंत्र रहा ही नहीं अपनी बात को कहने की आजादी रही ही नहीं हर किस्म का अधिकार भारतीय जनता पार्टी को है।