जामिया में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए देश-विदेश के प्रतिनिधि

Date:

जामिया में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए देश-विदेश के प्रतिनिधि
जामिया में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए देश-विदेश के प्रतिनिधि

ग्लोबलटुडे/राहेला अब्बास[नयी दिल्ली]: साहित्य और समाज के अंतर-संबंधों के बीच वर्तमान विमर्श को तलाशते हुए दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग सभागार में गुरुवार को एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
हिंदी विभाग जामिया मिल्लिया इस्लामिया और साहित्य संचय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मौजूदा दौर के समाज पर आधारित साहित्य की वास्तविकता पर विचार किया गया।
इस मौके पर संगोष्ठी के विषय पर अधिक रोशनी डालने के लिए देश के विभिन्न जगहों के अलावा, बेल्जियम और मॉरीशस से भी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
जामिया तराने के साथ शुरू हुई इस संगोष्ठी में विषय पर चर्चा करते हुए साहित्य के विद्वानों ने विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए तो वहीं शोधार्थियों ने शोध-पत्रों पर अपनी टिप्पणीयां पेश की। इसके अलावा कार्यक्रम में अतिथियों ने समकालीन साहित्य और समाज पर आधारित कई पुस्तकों का भी लोकार्पण और विमोचन किया।
जामिया में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
जामिया में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

इस अवसर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने साहित्य और समाज पर आधारित इस कार्यक्रम को आने वाले भविष्य के चिंतन में एक बुनियाद की तरह माना । आयोजकों को विषय पर बधाई देते हुए प्रो. नजमा अख़्तर ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के कुलपति का पद संभालने के बाद उनका पहला कार्यक्रम है जिसमें वह शामिल हुईं और आने वाले समय में भी इस तरह के कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करती रहेंगी ।
कुलपति ने हिंदी विभाग द्वारा आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए बधाई देते हुए कहा कि मैं उम्मीद करती हूं आगे भी आप लोग निरंतर ऐसे कार्यक्रम करते रहेंगे । अगले वर्ष जामिया के 100 साल पूरे हो रहे हैं और उन्होंने यह आशा जताई कि उसमें भी आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में हिंदी विभाग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगा। इस संगोष्ठी में पुस्तक विमोचन के अवसर पर कुलपति महोदया ने प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे आशा है कि आप लोग शोध को इसी तरह और बढ़ावा देंगे।
भाषा एवं मानविकी संकाय के डीन प्रो. वहाजुद्दीन अल्वी ने हिंदी विभाग को बधाई देते हुए कहा कि मुझे आशा है कि आप लोग ऐसे ही काम आगे भी करते रहेंगे साथ ही हर तरह के सहयोग का आश्वासन भी दिया ।
जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलसचिव श्री ए.पी. सिद्दीकी (आई.पी.एस) ने विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग को साहित्य जगत में एक अलग पहचान बनाने के लिए बधाई दी।

वहीं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. इंदु वीरेंद्रा ने साहित्य और समाज के अंतर-संबंध को शरीर और उसकी आत्मा के संबंधों के समान बताया । समाज में साहित्य की अहमियत पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य एक बेहतर समाज की कसौटी होती है जो उसके भीतर संवेदनशीलता और यथार्थ के पक्ष को प्रखर करती है।
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक, डॉ आसिफ उमर ने संगोष्ठी में शामिल सभी प्रतिभागियों को विषय पर गंभीरता से अपनी राय रखने के लिए आभार जताया । उन्होंने कहा कि साहित्य, समाज की एक जीवंत विधा है जो सामाजिक परिवर्तन के सभी पक्षों पर गौर करने के लिए प्रेरित करता है।

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

Winter Vaccation Anounced In J&K Degree Colleges

Srinagar, December 20: The Jammu and Kashmir Government on...

National Urdu Council’s Initiative Connects Writers and Readers at Pune Book Festival

Urdu Authors Share Creative Journeys at Fergusson College Event Pune/Delhi:...

एएमयू में सर सैयद अहमद खान: द मसीहा की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित

सिरीज़ के लेखक मुतईम कमाली की सभी दर्शकों ने...
Open chat
आप भी हमें अपने आर्टिकल या ख़बरें भेज सकते हैं। अगर आप globaltoday.in पर विज्ञापन देना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क करें.