ग्लोबलटुडे/दिल्ली[तरन्नुम अतहर]: भारतीय जनता पार्टी की शिकायत पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 20 अप्रैल, 2019 को केजरीवाल सरकार द्वारा आयोजित होने वाली मेगा पीटीएम (पैरेंट्स टीचर मीटिंग) को रद्द कर दिया है।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के फैसले का स्वागत करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि अभिभावकों को गुमहराह करके अरविन्द केजरीवाल आदर्श आचार संहित का उल्लंघन कर रहे थे। हमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर पूर्ण विश्वास है कि निष्पक्ष चुनाव कराने में बाधा बन रही केजरीवाल सरकार की कोई भी ऐसी कोशिश सफल नहीं होगी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस प्रकार अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सरकारी धन का पार्टी की चुनावी रणनीति के लिए उपयोग कर रहे हैं वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
मनोज तिवारी ने कहा कि कहने को तो मेगा पीटीएम छात्रों के हित में लिया गया फैसला था, लेकिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भरी यह पूरी टीम बच्चों के माता-पिता को गुमराह करने का कार्य कर रही थी। क्योंकि अरविंद केजरीवाल पहले भी फर्जी फोन काल करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर चुके हैं और वे फिर अभिभावको को बुलाकर बच्चों की शिक्षा के नाम पर भाजपा को वोट न देने की साजिश रच रहे थे।
अरविन्द केजरीवाल सरकार पहले दिन से झूठ की बुनियाद पर काम कर रही है-सांसद डॉ. उदित राज
उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा चुनाव के वक्त इस तरह की मीटिंग करने की योजना बनाना यह दर्शाता है कि वे सरेआम आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यही नहीं आम आदमी पार्टी की इस मीटिंग में दिल्ली सरकार के भवन, फर्नीचर और व्यवस्था का भारी भरकम खर्च सरकारी खजाने का दुरूपयोग था। बल्कि इससे भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार करने का भी बड़ा मंसूबा केजरीवाल ने पाल रखा था। ऐसे में चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा उनके इस मंसूबे को नेस्ताबूत कर देना वाकई में काबिले तारीफ है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दरअसल अरविंद केजरीवाल लोकसभा के चुनाव में भाजपा को मिल रही बढ़त से बौखलाएं हुए हैं इसलिए वे भाजपा को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता है और वे इसके लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं।
उन्होंने केजरीवाल पर सत्ता के लिए झूठ बोलने का भी आरोप लगाया और कहा कि ये वही केजरीवाल हैं जो लोकपाल और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर दिल्ली की सत्ता में दाखिल हुए थे, लेकिन साढ़े चार सालों के अंदर इनकी सारी हकीकत दिल्ली वाले अब समझ चुके हैं। जनता ने तय कर लिया है कि अब अरविंद केजरीवाल की दिल्ली से विदाई की बेला आ गई है।