Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home3/globazty/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
भारत बंद: भारत बंद के समर्थन में प्रोफ़ेसर ने बनायी अनोखी पेंटिंग - globaltoday

भारत बंद: भारत बंद के समर्थन में प्रोफ़ेसर ने बनायी अनोखी पेंटिंग

Date:

Globaltoday.in | मुज़म्मिल दानिश | सम्भल

किसानों के समर्थन में मंगलवार, 8 दिसंबर को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा बुलाये गए भारत बंद को लेकर एक पेंटिंग पर विवाद छिड़ गया है

उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के एक डिग्री कॉलेज में पेन्टिंग के प्रोफेसर ने अपनी पेन्टिंग के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार को कड़ा संदेश देते हुए, संसद को ही भगवामय बना देने का आरोप लगाया है इसको दर्शाते हुए एक पेंटिंग बनाकर सार्वजनिक की है।

किसानों के लिए लाए गए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर पिछले तेरह दिनों से संग्राम छिड़ा हुआ हैं। देश की राजधानी दिल्ली चारों तरफ से ब्लॉक है।

पंजाब, हरियाणा सहित कई प्रदेशों के किसानों ने कृषि बिल को वापस लेने के लिए कई स्थानों पर धरना दिया हुआ है।

देश की कई राजनीतिक पार्टियों के सहयोग से बुलाये गए भारत बंद के आह्वान पर देश के सभी हिस्सों से अलग-अलग तरह के रंग की तस्वीरें सामने आयीं हैं।

लेकिन जो तस्वीर मुरादाबाद के एक प्रोफेसर द्वारा विरोध स्वरूप बनाई गई है वो विवादों में घिर सकती है। क्योंकि इस बड़ी दीवार पेंटिंग में एमएच कॉलेज के प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने अपने विचारों को रंगों के माध्यम से उकेरते हुए देश की संसद को भगवामय दिखाया है और देश की जनता के पेट पर एक पूंजीपति को पेर रख कर अपनी बात कहने का प्रयास किया गया है।

मुरादाबाद स्थित एम एच डिग्री कॉलेज में पेंटिंग विभाग के हैड नरेंद्र सिंह ने कृषि बिल वापस लेने के लिए सरकार को जिस तरह से सन्देश देने का प्रयास किया है वह विवादों में आ सकता है।

नरेंद्र सिंह इस बिल का खुलकर विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि भाजपा की मोदी सरकार ने देश की संसद को ही भगवा रंग में बदल दिया है।

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना

राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद मुख्यालय में 'जनजातीय भाषाएं...

Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena

Lecture on ‘Tribal Languages and Tribal Lifestyles’ at the...

आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान

रामपुर, 20 नवंबर 2024: आज आम आदमी पार्टी(AAP) ने...
Open chat
आप भी हमें अपने आर्टिकल या ख़बरें भेज सकते हैं। अगर आप globaltoday.in पर विज्ञापन देना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क करें.