उत्तर प्रदेश[परवेज़ चौहान]: हमेशा विवाद बयानबाजी के लिए सुर्खियों में रहने बसपा के लोकसभा प्रत्याशी याक़ूब कुरैशी के मीट प्लांट को सील करने के लिए 12 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई थी। शासन के आदेशों के बाद मीट प्लांट को सील करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाना था। लेकिन प्रशासन ने याकूब के मीट प्लांट पर सेटिंग की सील लगा दी। आपको बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिस, पीएसी, प्रशासन और प्राधिकरण की टीम याकूब कुरेशी की मीट प्लांट पर से लगाने के लिए पहुंच गयी। प्रशासन ने मीडिया को मीट प्लांट के अंदर नहीं घुसने दिया गया। वहीं प्रशासन ने प्राधिकरण के टीम के साथ मिलकर मीट प्लांट की मशीनों को सील कर दिया।सील की कार्यवाही के समय यहां सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ, व कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मीट फैक्ट्री के भीतर प्लांट के एक हिस्से को सील किया। इस दौरान वीडियोग्राफी कराई गई है।
हालाँकि हाजी याक़ूब ने इस कार्यवाही से बचने के लिए बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन आज अपनी इसी फैक्ट्री में रखवा दिया था जिसमे सीलिंग होनी थी। कार्यकर्ताओं की भीड़ ने जमकर हंगामा किया। हंगामे को देखते हुए प्रशासन कुछ नरम हो गया लेकिन अपना काम जारी रखा और जिसके बाद केवल मशीनों को सील करके टीम बाहर आ गई। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो याकूब कुरैशी के बेटे और फैक्ट्री के मालिक इमरान याकूब ने हलफनामा दिया है कि वह अपनी फैक्ट्री खुद ही बंद कर देंगे।
याकूब कुरेशी के कागजी हलफनामे को आधार मानकर प्रशासन की कार्रवाई पर ब्रेक लग गया और टीम वापस लौट गई। बड़ा सवाल यही है कि अगर फैक्ट्री में सील लगाई जानी थी तो फैक्ट्री में सम्मेलन की अनुमति कैसे दे दी गई। अगर बिना अनुमति के सम्मेलन चल रहा है तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आपको बता दें कि याकूब कुरेशी बसपा के लोकसभा प्रभारी हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन के टिकट पर याकूब कुरेशी मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंग।
बाइट- शैलेंद्र सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट मेरठ