मैं ने यशभारती सम्मान की बंदरबांट के विरुद्ध पहली आवाज़ उठाई थी और माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से अनुरोध किया था कि इस सम्मान के वितरण में होने वाली अनियमितताओं और पक्षपात को दूर करने के लिए राज्य सरकार एक फूलप्रूफ नीति बनाए। मुझे खुशी है कि तब योगी जी ने मेरी बात का संज्ञान लेते हुए इसकी चयन प्रक्रिया की समीक्षा करने का ऐलान किया था। लेकिन अफसोस इस बात का है कि तब से अबतक तीन साल बीत चुके हैं लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
मशहूर गीतकार श्री संतोष आनंद के बारे में जब से यह खबर आई है की वह बीमारी, लाचारी और आर्थिक दिक्कतों के शिकार हैं, मन फिर से विचलित सा हो गया है। फिल्म, साहित्य, कला और खेल की दुनियां की बहुत सी ऐसी विभूतियां और होंगी जो इस सम्मान के सही पात्र हैं परंतु सरकार की नीति की सुस्त रफ्तारी की वजह से अपने हक से वंचित हैं।
संतोष आनंद यशभारती से सम्मानित किए जा चुके हैं लेकिन मामले के समीक्षा में चले जाने की वजह से इसके तहत दिया जाने वाले पचास हजार रुपया आजीवन मासिक भत्ते से तब से वंचित हैं। पहले बेटे की मौत और अब बीमारी एवं लाचारी।
SHOP NOW
मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से अनुरोध करता हूं कि काफी समय से लंबित समीक्षा को त्वरित ढंग से पूरा किया जाए और संतोष आनंद जी को को मिलने वाली सम्मान राशि शीघ्र जारी की जाए। ऐसे में जबकि हर तरफ नोएडा फिल्म सिटी बनाए जाने की बात हो रही है, इन जैसी विभूतियों को उपेक्षित रख कर इसकी कल्पना खोखली सी लगती है।