एक बुज़ुर्ग से मुलाक़ात…..
मैंने पूछा कि अच्छी सेहत का क्या राज़ है..??
कहने लगे कि बस बीमार न पड़ो
मैंने कहा कि यह तो हमारे बस में नही है..!!
हंसते हुए कहने लगे कि बिल्कुल है
मैंने कहा कि आप बताईये मैं बिल्कुल अमल करूँगा..
वह मेरे क़रीब आकर आहिस्ता से कहने लगे कि मुंह में कभी भी कोई चीज़ बिस्मिल्लाह के बग़ैर न डालना…
चाहे पानी का क़तरा हो या चने का दाना
मैं खामोश हो गया…
फिर कहने लगे कि अल्लाह ने कोई भी चीज़ बे मक़सद और बिला वजह नही बनाई है…
हर चीज़ में हिकमत है और इसमें फायदे और नुकसान दोनों पोशीदा हैं…
जब हम कोई भी चीज़ बिस्मिल्लाह पढ़ कर मुंह में डालते हैं तो अल्लाह इस में से नुकसान निकल देता है…
हमेशा बिस्मिल्लाह पढ़ कर खाओ पियो और दिल में बार बार अल्लाह का शुक्र अदा करते रहो…
कभी बीमार न पड़ोगे…
मेरी आँखें तर हो चुकी थीं…
हमारी मस्जिदों के मुल्लाओं से यह कितना बड़ा आलिम है
जेल में रहकर पास की हाई स्कूल परीक्षा
देर हो रही थी….
मैं सलाम करके उठने लगा तो वह मेरा हाथ पकड़ कर कहने लगे कि खाने के हवाले से आखरी बात भी सुनते जाओ…
मैं जी कह कर बैठ गया
कहने लगे कि अगर किसी के साथ बैठ कर खाना खा रहे हो तो…..
कभी भूल कर भी पहल न किया करो चाहे कितनी भी भूख लगी हो
ईमानदार रिक्शा वाला
पहले सामने वाले कि प्लेट में डालो और जब तक वो अपने मुंह में लुक़मां न रख ले तुम शुरू न किया करो
मेरी हिम्मत नही हो रही थी कि इसका फायदा पूछूं…
लेकिन वो खुद ही बताने लगे कि तुम्हारे खाने का सदक़ा अदा हो गया और साथ ही अल्लाह भी राज़ी हुआ कि तुमने पहले उसके बन्दे का खयाल किया…
याद रखो…!!
खाना जिस्म की और बिस्मिल्लाह रूह की ग़िज़ा है
अब बताओ…!!
तुम ऐसे खाने से बीमार पड़ सकते हो…??
मैं बेसाख़्ता उनके चेहरे पर अपने दोनों हाथ रख कर तेज़ी से जाने के लिए मुड़ा….
और सोचने लगा कि दीन की इन छोटी छोटी बातों से हम और हमारी औलाद कितनी महरूम है…
-व्हाट्सएप्प से प्राप्त लेख