आज़म खान अपने बेटे अब्दुल्लाह आज़म के साथ अपनी पत्नि तंज़ीन फातिमा के लिए वोट मांगने के लिए भावुक हुए
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रामपुर से सऊद खान की रिपोर्ट
रामपुर(Rampur) में सपा सांसद आजम खान(Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म ने सपा प्रत्याशी तंज़ीन फातिमा के लिए वोट मांगने निकल पड़े हैं, जिसके लिए विशाल जलसों का आयोजन कर रहे हैं।
ऐसा ही एक विशाल जलसा जुमे के रोज़, 11 अक्तूबर को आज़म खान ने किया। जलसे में सैकड़ों की तादाद में सपा समर्थकों पहुंचे । इस जलसे में आज़म खान ने जनता को सम्बोधित करते हुए अपना दर्द बयान किया।
सपा सांसद सांसद आजम खान(Azam Khan) ने कहा, ‘मेरे अजीजों मेरा गुनाह क्या है इंसानियत इंसानों के लिए लड़ने वाला एक बेसहारा शख्स जो आज से तकरीबन 45 बरस तक तुम्हारे आंसू पोछने के लिए आया था। जिसने तुम्हारे सूखे हुए जिस्मों में सांसे डालना चाहीं थीं, जो गुलामी की मजबूत जंजीरों को अपने हाथों से तोड़कर तुम्हारे माथे पर लिखे गुलामी के दाग को मिटा देना चाहता था, उसने सारी जिंदगी की मुश्किलातें , अपनी खुशियां मासूमों के मुस्तकबिल सीने से निकलने वाले कहकहे, उन्हें अपने हाथों से घोट दिया और चक्की के पाटों के बीच पतली पर 42 बरस तक अपने आप को मसलता रहा। मेरी आवाज बहुत दूर तक गई मेरे दिल की धड़कनों ने लोगों के दिल फाड़ दिए मैं जीत गया, बे आवाजों की आवाज बना मैंने ललकार के कहा मैं जुबान हूं तुम्हारी मैं दर्द हूं तुम्हारा तुम्हारे दिल की धड़कन हूं मैं आबरू हूं तुम्हारी। मेरा सौदा मत करना और आप अब 40 बरस से ज्यादा एक कमजोर आदमी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसके कदम से कदम मिलाकर साथ चल रहे हैं।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});कई बार थका वह कई बार बीमार भी हुआ उसकी हिम्मत ने जवाब देना चाहा उसके पैर लड़खड़ा ने लगे मगर जब उसने पलट कर देखा पीछे 102 बरस का बुजुर्ग सीधा खड़ा था एक मां एक बहन जिसके पैरों में छाले पड़ गए थे वह उसकी पीठ पर हाथ रख कर कह रही थी बेटे आगे चल मंजिल दूर है अभी खुली किताब हूं आपके सामने इसका एक लफ्ज़ एक अक्षर भी नहीं बिका है अभी तक इस किताब को झुठलाने वालों और बहुत मुख़्तसर से फायदे के लिए ,,,,
गौरतलब हैं कि आज़म खान पर प्रशासन द्वारा अलग धाराओं में तक़रीबन 84 मुक़दमे दर्ज हैं और रोज़ ही उनको एसआईटी के सवालों का जवाब देने के लिए रामपुर में महिला थाने में हाज़िरी देना पड़ रही हैं।
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