इन लोगों को नमाज़ के लिए वुज़ू की ज़रूरत नहीं

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Medical Staff can perform namaz without wuzu
सऊदी अरब की फ़तवा कमेटी ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते डॉक्टरों के लिए अपने हिफ़ाज़ती लिबास पर तयम्मुम करना भी काफ़ी होगा

सऊदी अरब की फ़तवा कमेटी ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते डॉक्टरों के लिए अपने हिफ़ाज़ती लिबास पर तयम्मुम करना भी काफ़ी होगा

Globaltoday.in | उबैद इक़बाल | वेबडेस्क

कोरोना महामारी(Covid-19) दुनिया भर में 300,000 से ज़्यादा लोगों को मौत के घाट उतार चुकी है, जिसमें हजारों डॉक्टर और नर्सें भी शामिल हैं।

हालांकि कोरोना(Coronavirus) के मरीजों के इलाज के दौरान चिकित्सा कर्मचारी बहुत सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन यह संक्रामक वायरस किसी भी तरह डॉक्टरों को पकड़ने में कामयाब हो जाता है।

शायद इसी लिए सऊदी फ़तवा कमेटी द्वारा जारी किए गए एक नए फ़तवे में कहा गया है कि मेडिकल स्टाफ (डॉक्टर, नर्स और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ) कोरोना महामारी(Coronavirus) के कारण पानी से वुज़ू के बग़ैर ही नमाज़ पढ़ सकते हैं और उनके लिए सिर्फ तयम्मुम करना ही काफी होगा क्यूंकि मौजूदा हालात में शरीयत इसकी इजाज़त देती है.

पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक़, सऊदी फ़तवा कमेटी की एक मीटिंग में सऊदी अरब के प्रमुख मुफ़्ती शेख़ अब्दुलअज़ीज़ अल शेख़ की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से यह फ़तवा जारी किया गया।

फ़तवे में कहा गया है कि विशेष परिस्थितियों में, डॉक्टरों(Doctors) और नर्सों(Nurses) को बग़ैर वुज़ू के नमाज़ अदा करने की इजाज़त है या फिर वो अपने हिफ़ाज़ती लिबास पर तयम्मुम करके भी नमाज़ पढ़ें तो भी उनकी नमाज़ अदा हो जायगी। क्यूंकि कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते अगर ये लोग वुज़ू के लिए अपना हिफ़ाज़ती लिबास उतारेंगे तो कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।

हालांकि, अगर कोरोना के मरीज़(Corona Patients) तयम्मुम भी नहीं करना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करने की शरयी इजाज़त होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि तयम्मुम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी कोरोना कीटाणुओं से भरी हो सकती है, जो मरीज़ों को नुकसान पहुंचा सकती है।

ग़ौरतलब है कि दीन इस्लाम में इंसान की ज़िंदगी को बहुत अहम माना गया है और किसी भी हालत में इंसान को अपनी ज़िंदगी को बिना वजह खतरे में डालने के लिए मन किया गया है.