आज़म खान ने सरकार से मदरसों का स्टैण्डर्ड बढ़ाने की मांग की, कहा झूठ बोलने या धोखा देने से देश का ही नुक़सान होगा
रामपुर/सऊद खान: अपने बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले रामपुर के सांसद मो आज़म खान ने फिर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। कहा कि मदरसों में गोडसे या प्रज्ञा ठाकुर जैसे इंसान नहीं बनाये जाते। आज़म खान ये बयां सरकार के उस एलान बाद दिया जिसमे सरकार ने मदरसों को मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही है। मंगलवार को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।
While only 90 districts of country had been identified for Minority communities’ development earlier, PM Shri @narendramodi Ji led Govt. has expanded development programmes for Minorities in 308 districts of the country under PMJVK. pic.twitter.com/4GDABZcvIZ
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) June 12, 2019
आज़म खान ने सरकार की स्कीम को लेकर कहा कि माइनॉरिटी वेलफेयर की दो किस्म की स्कीम होती हैं। एक तरफ तो दीनी मदरसे और दूसरी तरफ मॉडर्न एजुकेशन, मॉडर्न एजुकेशन में कॉलेज आते हैं, यूनिवर्सिटी आती हैं और दीनी तालीम के लिए मदारिस आते हैं।
मदरसों में मजहबी तालीम दी जाती है कुरान पढ़ाया जाता है हदीस पढ़ाई जाती है फ़िक़ह पढ़ाया जाता है। उसी के साथ साथ उन्हीं मदरसों में जिनमें यह दीनी तालीम दी जाती है उनमें अंग्रेजी हिंदी और गणित यह भी पढ़ाई जाती है और यह आप से नहीं जमाने से पढ़ाई जाती है तो कोई निराली बात नहीं है।
सरकार को अगर मदारिस को मदद करनी है तो आपको मदरसों का स्टैंडर्ड ऊंचा करना पड़ेगा,हिंदुस्तान की हालत देखनी पड़ेगी। झूठ बोलने से धोखा देने से ठगी करने से मुल्क का नुकसान होगा फायदा नहीं होगा। जिस मुल्क में हमारे बेसिक एजुकेशन सिस्टम में अभी तक हम स्कूलों में टाट पट्टा नहीं दे सके हैं, अभी तक हम पेड़ों के नीचे बैठाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, करोड़ों बच्चे गांव और तहसीलों में जमीन पर बैठ रहे हैं टाट पट्टा तक नहीं है आप माइनॉरिटीस को कहां से सहूलियत देंगे।
मदरसे बनवाइये, उनकी इमारतें बनवाइये, उन्हें फर्नीचर प्रोवाइड कराइए, टीचर्स की तनख्वाह दिलवाईये। बच्चों को कम से कम आप मदारिस के बच्चों को जो दूसरे स्कूल के बच्चों को आप नाश्ता देते हैं मदरसों को मिड डे मील से महरूम रखा है पहले आप इतनी मानवता तो अपने अंदर पैदा कीजिए कि आपने मिड डे मील के लिए सरकारी स्कूलों गैर सरकारी स्कूलों को तो आप दे रहे हैं लेकिन मदरसों के बच्चों को आप मिड डे मील तक नहीं दे रहे हैं, पहले वह तो देना शुरू कीजिए फिर दूसरा धोखा दीजिए।
आजम खान ने कहा थोड़ा सा करम करें हम पर बहुत धन्यवाद होगा जहां तक मॉडर्न एजुकेशन का सवाल है उसमें क्योंकि अरसे से दलितों को पिछड़ों को अखलियतों को वजीफे मिलते रहे हैं। जिसमें पिछले साल 40% वजीफे आए 60% नहीं आए और यह कहा गया कि विभाग के पास पैसा नहीं है। आप वजीफे देने की बात कर रहे हैं और इंस्टिट्यूशन को बंद कर रहे हैं।
हिंदुस्तान का इस वक्त सबसे बड़ा इंस्टिट्यूशन यूनिवर्सिटी मोहम्मद जौहर अली यूनिवर्सिटी है जिसे आप माइनॉरिटी यूनिवर्सिटी कह सकते हैं, एएमयू नहीं है हाईकोर्ट ने खत्म कर दिया उसका माइनॉरिटी करैक्टर ले देकर एक यूनिवर्सिटी है माइनॉरिटी करैक्टर की और आप उसके पीछे पड़े हुए हैं किस तरह उसको बर्बाद कर दें किस तरह उसे बंद कर दें।
हमारे मदरसे हैं तारीखे एतबार से 1857 की तारीख में उससे वाबस्ता हैं। हमारे यहां मदरसों में या हमारे अक़लियतों के स्कूल में नाथूराम गोडसे की फितरत पैदा नहीं की जाती, प्रज्ञा ठाकुर जैसी शख्सियत हमारे मिस्बा मदरसे में पैदा नहीं होती। पहले इस ज़हनियत को रोके ऐलान करें कि नाथूराम गोडसे की ज़हनियत को बढ़ावा देने वालों को जम्हूरियत का दुश्मन माना जाएगा, ऐलान करें कि जिन लोगों को आतंकवादी एक्टिविटीज में सजाए हो चुकी हैं उनको सम्मान नहीं दिया जाएगा।
हमारे खिलाफ झूठे मुकदमें कायम कराए जाएंगे क्योंकि हम स्कूल के फाउंडर हैं यूनिवर्सिटी के फाउंडर हैं। हमारे जीवन को दागदार किया जाएगा और जिन पर बापू की हत्या उनको महा मंडित किया जाएगा, सम्मानित किया जाएगा आतंकवादी मुकदमों में सजा पाने वाले देश का कानून बनाएंगे पार्लिमेंट में पहुंचेंगे।