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मुसलमान राम और मुस्तफ़ा में फ़र्क़ नहीं करते,वो मुस्तफ़ाबाद को आज भी रामपुर ही कहते हैं-आज़म खान - globaltoday

मुसलमान राम और मुस्तफ़ा में फ़र्क़ नहीं करते,वो मुस्तफ़ाबाद को आज भी रामपुर ही कहते हैं-आज़म खान

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रामपुर/उत्तर प्रदेश[फ़राज़ कलीम]:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी द्वारा इलाहबाद का नाम प्रयागराज करने पर सपा के सीनियर और कद्दावर नेता आज़म खान ने सीएम योगी के साथ-साथ, बीजेपी की लोकसभा की तैयारियों को लेकर और एम जे अकबर के इस्तीफा देने के सवाल पर पीएम मोदी पर भी जमकर निशाना साधा है। आज़म खान ने ग्लोबलटुडे से बात करते हुए बताया कि सवाल अकबर और औरंगज़ेब का नहीं है। किसी ज़माने में याद होगा आपको किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज का नाम बदला गया था। लेकिन पूरी दुनिया में उस पर विरोध हुआ था और आखिरकार किंग जॉर्ज किंग जॉर्ज ही रहा। कई सरकारें आयीं उन्होंने बार बार नाम बदले।

Azam
आज़म खान-फ़ोटो ग्लोबलटुडे

कुछ नाम ऐसे होते हैं मिसाल के तौर पर रामपुर है। नवाब मुस्तफा अली खान ने इसका नाम मुस्तफाबाद रखा था। आप ये जानते है कि रामपुर मुसलमानो की मैज्योरिटी की बस्ती है, यहाँ मुस्लिम नवाब रहे हैं, रिकि यासत रही है यह और ऐसी रियासत रही है कि यहाँ के नवाब की कुर्सी मलिका विक्टोरिया की कुर्सी के बराबर में दाहिने हाथ पर पड़ती थी। नवाब मुस्तफा अली खान ने इसका नाम मुस्तफाबाद रखा लेकिन मुसलमानो की मैज्योरिटी होने के बाद भी मुसलमानो ने इसे मुस्तफाबाद कहकर नहीं दिया। सारे पेपर्स , सारे रजिस्टर्स यहाँ तक के यहाँ पर मुख्तलिफ जगहों पर आपको मुस्तफाबाद लिखे पत्थर मिल जायेंगे। तो नाम ऐसी चीज़ है जो दिलों पर लिखी होती है। उन्होंने कहा कि रामपुर रामपुर ही रहा मुस्तफाबाद नहीं हो सका क्योंकि मुस्लमान खुले दिल के थे। वो राम में और मुस्तफा में फर्क नहीं करते थे। अब जो लोग हैं उनके बारे में आप ज़्यादा बहतर जानते हैं क्यूंकि वो ईद नहीं मनाते हैं। आज़म खान ने मुस्कुराते हुए कहा कि अगला सरकार का ये कदम होगा के मुसलमान अपना नाम भी बदलने लगें।
चुनाव जीतना है तो ताज को तोड़ो और शिवमंदिर बनादो
आज़म खान ने बीजेपी की 2019 की चुनावी तैयारिओं को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब प्रधानमंत्री को मश्वरा भी दे डाला। उन्होंने कहा कि देखिये अगर 2019 की तैयारी भारतीय जनता पार्टी को करनी है तो हमारी बात माने या तो 10 करोड़ नौजवानो को नौकरी दे जैसा कहा था बादशाह ने कि हर साल 2 करोड़ लोगो को नौकरी मिलेगी या ताज महल को गिराकर शिवमंदिर बनाये। इतना ही नहीं आज़म खान ने कहा कि हम कह तो रहे हैं कि चलो ताजमहल गिराते है। क्यों नहीं बनेगा शिव जी का मंदिर? बाबरी मस्जिद गिराई जा सकती है क्यूंकि उसकी कोई कीमत नहीं थी , उससे कोई आमदनी नहीं थी। ताजमहल नहीं गिराया जायेगा क्यूंकि उससे तो करोड़ों रुपया आता है।
#metoo पर पीएम को सफाई देनी चाहिए
आज़म खान ने मी टू मामले में घिर कर अपना इस्तीफा देने वाले एम् जे अकबर के मामले में पूंछे गए सवाल पर कुछ इस तरह कहा है कि इस पर भारतीय जनता पार्टी को या कम से कम प्रधानमंत्री जी को बात साफ़ करना चाहिए और जो महसूस करते है वो कहना चाहिए।
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