रामपुर/उत्तर प्रदेश[सऊद खान]: जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया है तब से इस मामले पर सियासत तेज़ हो गई है और दलित समाज ने जगह जगह हनुमान मन्दिरों पर अपना क़ब्ज़ा करना शुरू कर दिया है। आज शनिवार को ज़िला रामपुर में स्थित हनुमान मंदिर पर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के लोगों ने अपना हक़ जताते हुए क़ब्जा कर सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की।
वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि उनकी आंखे उप्र के मुखिया आदित्य योगीनाथ ने खोल दी हैं। पूरे देश के हनुमान मंदिरों में अब ऐसा करने के लिए समाज द्वारा अभियान चलाया जायेगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए विधिसम्मत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के बयान कि हनुमान जी बनवासी दलित थे, को आधार बनाते हुए जिला रामपुर के वाल्मीकि समाज ने तहसील स्वार के क्षेत्र पंजाबी काॅलोनी में प्रतिष्ठित हनुमान मंदिर पर अपना हक़ जताते हुए क़ब्जा कर लिया और सामूहिक रूप से पूर्जा अर्चना की। वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि वे परमपिता भगवान वाल्मीकि जी को मानने वाले हैं लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी आंखे खोल दी हैं। इसके तहत पवन पुत्र हनुमान जी के मंदिर पर उन्होंने अपना क़ब्जा जमाया है।
आगे भी हनुमान मंदिरों की देखरेख वाल्मीकि समाज ही करेगा। हनुमान मंदिर पर जमाये गये क़ब्जे को उन्होंने नकारते हुए कहा कि हम किसी भी जाति धर्म से अलग नहीं हैं।वाल्मीकि समाज द्वारा हनुमान मंदिर पर पूर्जा अर्चना और अपना हक़ जताने को लेकर मंदिर की प्रबन्धन समिति में समाज के लोगों को शामिल करने की मांग की गई है। साथ ही दो दिन की समय सीमा दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम , सर्किल आॅफीसर और थाना अध्यक्ष स्वार ने समझाने बुझाने की कोशिश की है। साथ ही मंदिर संचालक मण्डल समिति को दो दिन का समय दिया है। साथ ही विधि सम्मत उचित न्यायिक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।