रामपुर(रिज़वान ख़ान): इन दिनों मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा की जेल चर्चा में है और यहां पर उन्हें स्लो प्वाइजन दिए जाने की बात भी सामने आ रही है जिसके चलते वहां के जेल प्रशासन पर उंगलियां उठने शुरू हो चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर रामपुर की जेल अपने बहतर कारनामों से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती नजर आ रही है।
दरअसल इस जेल में बंद 25 बंदियों और कैदियों ने अपनी जिंदगी के अंधकार को दूर करते हुए शिक्षा हासिल की है और इल्म की रोशनी मे यहां के जेल प्रशासन के सहयोग से आठवीं की परीक्षा को भी पास कर लिया है।
उत्तर प्रदेश की जिला जेल रामपुर में जहां एक ओर बंदियों और कैदियों को उनकी आपराधिक छवि को दूर कर एक बेहतर इंसान के रूप में प्रदर्शित करने के उद्देश्य से हुनर सिखाकर आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किया जा रहे हैं तो वहीं अब शिक्षा के क्षेत्र में रुचि रखने वाले कुछ कैदियों और बंदियों को इल्म की रोशनी से शिक्षित बनाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। शायद इसी का यह नतीजा भी है कि यहां पर बंद जरायम पेशे से जुड़े एक नहीं, दो नहीं पूरे 25 खूंखार कैदियों ने अपनी जिंदगी को बदलते हुए आठवीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली है। इसके बाद जेल अधीक्षक की ओर से सभी उत्तीर्ण शिक्षार्थियों को अंक पत्र भी वितरित किए गए हैं।
दरअसल कैदियों और बंदियों की जीवन शैली को सुधारने का पूरा श्रेय यहां पर तैनात जेल विभाग के उस होनहार अफसर को जाता है जिसका नाम प्रशांत मौर्य है और वह रामपुर की जेल में अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। प्रशांत मौर्य उन चुनिंदा अफसरो में से एक हैं जो जेल अधीक्षक के साथ-साथ एक बेहतरीन इंजीनियर भी है। यही कारण है कि वह जहां जेल के अंदर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाए रखने के कार्य को अपना प्रथम कर्तव्य समझते हैं। तो वहीं कैदियों और बंदियो की भलाई और उनकी बेहतरी के लिए हुनर सिखाने के जबरदस्त प्रयास से लेकर इन खूंखार अपराधियों के मन और जहन में शिक्षा की अलख जगाने की भी कोशिशे जारी रखते हैं । जिसका नतीजा आठवीं की परीक्षा मे दो दर्जन से अधिक कैदियों और बंदियों का पास होने से प्रतीत होता है ।
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