नई दिल्ली, 8 जनवरी: भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वीजा अवधि को बढ़ा दिया है। वह पिछले साल अगस्त से भारत में रह रही हैं। इस बीच खबर है कि बांग्लादेश ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है। हालांकि वीजा अवधि बढ़ने से हसीना के लिए अधिक समय तक भारत में रहने का रास्ता साफ हो गया है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार, भारत से पूर्व पीएम के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है। यूनुस सरकार हसीना और उनकी बांग्लादेश आवाम पार्टी (बीएएल) पर शिकंजा कसने की पूरी कोशिश कर रही है। सरकार ने पूर्व पीएम और उनके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया कि हसीना को देश में ‘शरण’ दी गई है और वह सामान्य रूप से देश में रह रही हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत उन्हें शरण नहीं दे सकता क्योंकि भारत के पास कोई शरण नीति नहीं है और इसलिए किसी को भी शरण देने की कोई व्यवस्था नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि हसीना के वीजा का विस्तार नियमित चैनलों के माध्यम से हुआ है और जहां तक प्रत्यर्पण अनुरोध का सवाल है तो यूनुस शासन ने प्रमुख औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं, इसलिए भारत सरकार द्वारा उनकी मांग पर प्रतिक्रिया देने की संभावना नहीं है।
पूर्व पीएम और आवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना को पिछले साल अगस्त में छात्र आंदोलन से उभरे आक्रोश के बाद सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था।
इस बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया(Khaleda Zia) मंगलवार को इलाज के लिए लिए लंदन रवाना हो गईं। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का कहना है कि उनकी नेता की यात्रा मेडिकल कारणों से हो रही है और इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाए। हालांकि राजनीतिक उथल पुथल के दौर में जिया की विदेश यात्रा कई सवाल खड़ी करती है। सबसे अहम बात यह है कि देश की राजनीति पर कई दशकों तक हावी रहीं दो शीर्ष नेता अब विदेश में है।
स्रोत-आईएएनएस