बरेली: कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति और एससी, एसटी एवं ओबीसी की हक मारने की मंशा: भूपेन्द्र सिंह चौधरी

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प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया सेंटर का किया उद्घाटन

बरेली(गुलरेज़ ख़ान): भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने शनिवार को बरेली में भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उनकी नीति को तुष्टिकरण की नीति बताया और कहा कि कांग्रेस की मंशा एससी, एसटी एवं ओबीसी का हक मारने की है। मंशा पर जोरदार हमला बोला।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के एजेंडे में पिछड़ा वर्ग,अनुसूचित जाति और जनजाति का हक छीनकर एक वर्ग विशेष को देना है। ये मजहबी आरक्षण देकर गरीबों, पिछड़ों और अनुसूचित जाति और जनजातियों के हक की लूट करने की मंशा रखते हैं। कर्नाटक में इंडी गठबंधन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। प्रदेश की जनता को इनके मंसूबों को समझना होगा और इनका बोरिया बिस्तर समेट कर इनको घर लौटा देना है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिसंबर 2006 में नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं बनानी होंगी, जिसमें अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों में समान रूप से साझा करने के लिए सशक्त बनाया जाए और संसाधनों पर उनका पहला दावा होना चाहिए। 2009 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस वार्ता के दौरान इसी बयान को फिर दोहराया था। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की नीतियां भी इसी एजेंडे को लागू करने की रही हैं।

भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा के समर्थन वाली यूपीए सरकार ने सच्चर कमिटी की रिपोर्ट के माध्यम से यह दावा करने का प्रयास किया गया था कि देश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी दयनीय है, इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण के लिए एक लंबे समय से पृष्ठभूमि तैयार कर रही थी। कांग्रेस की अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने की यह आदत बहुत पुरानी है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 1951 में कहा था कि पिछले 20 वर्षों में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2000 भाषण दिए हैं, लेकिन एक बार भी अनुसूचित जाति के कल्याण के बारे में बात नहीं की है। पंडित नेहरू हमेशा मुस्लिमों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के एजेंडे पर काम करती है, लेकिन हम मजहबी आधार पर आरक्षण का विरोध करते हैं। हमारा मत स्पष्ट है कि एससी, एसटी और ओबीसी जिन्हें ज्यादा सामजिक सुरक्षा की आवश्यकता है, उनके अधिकारों को छीन कर एक वर्ग विशेष का तुष्टिकरण नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग का गठन कर मुस्लिमों को भी जातियों में बांटने की साजिश की। कांग्रेस ने यह भी साजिश रची कि अगर कोई धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनता है, तो उसका अनुसूचित जाति का दर्जा बना रहे, साथ ही पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत काटकर मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया।

श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने कोर्ट के कानून को बदलकर एएमयू, जामिया-मिलिया जैसे संस्थानों में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को भी समाप्त किया। 1981 में कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को छीनने के लिए एएमयू (संशोधन) अधिनियम लाकर न्यायालय के फैसले को बदल दिया।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के चुनावी घोषणापत्र में भी कांग्रेस ने यही सब बातें कही थी और 2024 में भी फिर से वही वादे कर रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि देश में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, मतलब कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र से स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति से कितनी नफरत है।

इस अवसर पर प्रदेश अध्य्क्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, वन मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना, बरेली लोकसभा प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार, जिला प्रभारी चौधरी देवेंद्र सिंह, जिला अध्य्क्ष पवन शर्मा, महानगर अध्य्क्ष अधीर सक्सेना, मेयर उमेश गौतम, विधायक संजीव अग्रवाल, विधायक डॉ डी सी वर्मा, अनिल सक्सेना, दीपक सोनकर, सशि भूषण सक्सेना, मीडिया प्रभारी अंकित माहेश्वरी व बंटी ठाकुर, वीरपाल गंगवार, राहुल साहू, अभय चौहान आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के आरोपों में कितनी सच्चाई?

अगर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के भाषण में कही गई बातों की तुलना कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखी गई बातों से की जाए तो प्रतीत होता है कि भाजपा के सभी आरोप निराधार हैं और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहीं भी ऐसा कुछ नहीं कहा है।

जबकि कांग्रेस घोषणापत्र में संपत्ति के पुनर्वितरण की बात नहीं है। घोषणापत्र में कहा गया है कि “साल 2014 और 2023 के बीच अमीर और ग़रीब के बीच असमानता में खासकर वृद्धि हुई है।”

साथ ही घोषणापत्र में कांग्रेस ने गारंटी दी है कि, “वो अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी समुदायों के आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की उच्चतम सीमा को बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन पास करेगी।”

इसके अलावा घोषणापत्र का एक हिस्सा “धार्मिक और भाषा-संबंधी अल्पसंख्यकों” को लेकर है जिसमें विदेश में पढ़ने के लिए मौलाना आज़ाद स्कॉलरशिप को बहाल करने और स्कॉलरशिप की संख्या बढ़ाने की बात की है। साथ ही घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोज़गार, बिज़नेस, सर्विसेज़, खेल और दूसरे क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों के लिए प्रोत्साहित करने और सहायता करने की बातें की गई हैं।

कांंग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट प्रमुख पवन खेड़ा ने लिखा, “प्रधानमंत्री को चुनौती है कि हमारे घोषणा पत्र में कहीं भी हिंदू मुसलमान लिखा हो तो दिखा दें।”

https://twitter.com/Pawankhera/status/1782054904296575148

उधर आजतक न्यूज़ ने भी दवा किया है कि कांग्रेस के घोषणा पात्र में कहीं भी मुस्लिम शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है।

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