Globaltoday.in| उबैद इक़बाल | वेबडेस्क
कोरोना वायरस(Coronavirus) के चलते अचानक लॉकडाउन होने से हज़ारों की संख्या में अभी भी अपने घरों से दूर अलग अलग जगहों पर फंसे हुए हैं जिसके कारण उनको भारी दिक़्क़तों का सामना कर पड़ रहा है.
बीच रास्तों में फंसे लोगों को उम्म्मीद थी की 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुल जायगा और वो अपने अपने घरों तक पहुँच जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अभी भी लोग ख़ासकर मजदूर और प्रवासी इस समस्या से ज़्यादा जूझ रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा से सांसद दानिश अली(Danish Ali) ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बताया है.
दानिश अली ने अपने पत्र में लिखा है कि,”देश में अचानक हुए लॉकडाउन से हज़ारों की संख्या में लोग अलग अलग जगहों पर फंस गए जिसके कारण उनको भारी दिक़्क़तों का सामना कर पड़ रहा है.
बीच रास्तों में फंसे लोगों को उम्म्मीद थी की 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलेगा और वो अपने अपने घरों तक पहुँच जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अभी भी लोग ख़ासकर मजदूर और प्रवासी इस समस्या से ज़्यादा जूझ रहे हैं।
ऐसा ही मामला मेरे संज्ञान में भी आया कि मेरी लोकसभा अमरोहा के कुछ लोग बैंगलोर से अमरोहा के लिए निकले थे लेकिन उनको मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले के शाहपुरा गाँव में पुलिस ने रोक लिया जबकि उन्होंने मुझे बताया कि उनके पास बैंगलोर पुलिस से यात्रा की परमिशन है।
मैंने बेतुल के ज़िलाधिकारी से भी बात की जिसने अपनी असमर्थता व्यक्त की। मेरी जानकारी में आया है कि सरकारी नियमों के मुताबिक़ 21 दिन तक लॉकडाउन में क्वारन्टाइन रहने के बाद अगर कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिलता है तो सभी को अपने घर जाने का क़ानूनी अधिकार है ऐसे में मैंने पत्र लिखकर गृह मंत्री जी से आग्रह किया कि उन सभी लोगों को उनके घर जाने दिया जाए इस से स्वास्थ्य दृष्टि से कोई नुकसान होने वाला नहीं है। सिर्फ उनको ही नहीं जहाँ भी जो लोग रास्ते में फंसे हैं उनको यात्रा पास बनवाकर उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।